मां के नक्शे कदम पर बेटी: धर्म की दीवार को तोड़ लिए सात फेरे, आयशा से बनी माही
सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में एक युवती ने मां के नक्शे कदम पर चलते हुए जाति-धर्म की दीवार को तोड़ आज हिंदू रीति रिवाज के साथ सात फेरे लिए।
रायबरेली: सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में एक युवती ने मां के नक्शे कदम पर चलते हुए जाति-धर्म की दीवार को तोड़ आज हिंदू रीति रिवाज के साथ सात फेरे लिए। क्षेत्र में इस तरह के ब्याह के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है। पूरा मामला जिले के डलमऊ कोतवाली अन्तर्गत गफूरपुर जलालाबाद मजरे भरसना गांव का है।
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गांव निवासी महेन्द्र द्विवेदी पुत्र रवि शंकर काम के सिलसिले में मुम्बई गया था, जहां उसकी मुलाकात आयशा पुत्री रहमत अली शेख से हुई। दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा, इसी लॉकडाउन में दोनों ने एक होने की ठान ली और जैसे ही अनलॉक वन की शुरूआत हुई दोनों रायबरेली आ गये। यहां हिन्दू धर्म के अनुसार आयशा ने हिन्दू धर्म अपना कर अपना नाम माही रखा और हिन्दू रीति-रिवाज से शहर स्थिति गायत्री शक्ति पीठ में परिजनो की मौजूदगी सात फेरे लिए। पंडित जी ने मंत्रोच्चारण कर दोनो का विवाह सम्पन्न करवाया।
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मुंबई से रायबरेली का सफर तय कर लिया
दरअसल कई वर्ष पूर्व आयशा की मां छाया ने प्रेम प्रसंग में रहमत अली शेख से निकाह कर मुंबई चली गयी थी, जहां पर उसने आयशा को जन्म दिया पर कहते हैं न कुदरत का खेल निराला होता है। एक बार फिर आयशा अपनी मां के नक्शे कदम पर चल कर अपनी मां के ही गांव के रहने वाले महेन्द्र द्विवेदी से मुंबई में ही आंखे चार हुईं। बात इस कदर बढ़ी की दोनों ने एक दूजे के साथ जीने मरने की कसमें खाईं और उसे पूरा करने के लिए मुंबई से रायबरेली का सफर तय कर लिया। रायबरेली आकर आयशा ने हिन्दू धर्म स्वीकार करते हुए माही बनकर महेन्द्र के साथ सात फेरे लिए।
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आपको बता दें कि डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के भरसना स्थित अवधूत आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी राघव दास जी महाराज के सम्पर्क में बचपन से ही वर वधू के परिवारीजन थे। स्वामी जी कीे दो सप्ताह पूर्व इन प्रेमी जोड़ो से मुलाकात हुई और दोनो ने एक साथ जीने व मरने की कसमें खा रखी थी, जिसको लेकर दोनो ने अपनी आपबीती स्वामी जी को बतलाई जिसके बाद स्वामी जी ने दोनो के परिजनो से बात की।
जिसके बात आपसी सहमति बनी और लोगों के सहयोग से रविवार को शहर के गायत्री शक्ति पीठ में दोनो का विवाह सम्पन्न करवाया गया। इस विवाह में दूर दराज के लोगों ने भी बढ चढ़कर सहभागिता कर आर्थिक सहयोग भी प्रदान किया।
रिपोर्ट: नरेंद्र
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