आजम खान को कोर्ट से तगड़ा झटका, अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज
आजम खान के खिलाफ जमीनी विवाद, लोक प्रतिनिधि अधिनियम और कई दूसरे मामलों में जिला अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आजम खान पर चल रहे 29 मुकदमों में जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
आजम खान के खिलाफ जमीनी विवाद, लोक प्रतिनिधि अधिनियम और कई दूसरे मामलों में जिला अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की।
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जमीन कब्जा करने का आरोप
किसानों का आरोप है कि सपा शासनकाल में मंत्री रहते आजम खान ने जबरन उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया। जमीनों को अपनी जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया।
इसके अलावा एक मुकदमा मदरसा आलिया से किताबें चोरी का है, जो शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था। यह किताबें पुलिस ने पिछले दिनों जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी से बरामद की थीं।
सेशन कोर्ट में इन मामलों में अग्रिम जमानत पर बहस के लिए सांसद की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं पूर्व सहायक महाधिवक्ता एसआर खान पहुंचे।
उन्होंने और अन्य सहयोगी वकीलों ने सभी मामलों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि जमीनें खरीदी गई हैं।
वहीं प्रशासन की ओर से तैनात किए गए जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) ने बचाव पक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों को नकार दिया। कहा कि सभी मुकदमों के सुबूत हैं।
पुलिस का इरादा किसी को अपमानित कर गिरफ्तार करने का नहीं है। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) अजय तिवारी ने बताया कि बहस पूरी हो गई, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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पेड़ कटवाने के मामले में भी फंसे
आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी को लीज पर दी गई जमीन से खैर के पेड़ गायब होने के मामले में भी फंसते नजर आ रहे हैं। लीज पर ली गई जमीन से पेड़ गायब होने के मामले में एडीएम प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता ने बताया कि ये मामला गाटा संख्या 1252 और 1418 नंबर की जमीन का है। ये जमीन जौहर यूनिवर्सिटी को लीज पर दी गई थी।
बताया जा रहा है कि आजम खान को जौहर ट्रस्ट को यूनिवर्सिटी के लिए जो जमीन लीज पर दी गई थी उस समय 21 फरवरी 2007 में खैर के पेड़ थे, लेकिन अब जिला प्रशासन ने जांच के बाद शासन को जो रिपोर्ट भेजी है।
उसके अनुसार लीज पर दी गई जमीन पर खैर के पेड़ नहीं है। 4 जून 2019 की एसडीएम सदर की जांच रिपोर्ट के अनुसार वहां से पेड़ गायब हैं जिसके अनुसार यह शासन के नियमों का उल्लंघन है।
आजम खान के साथ उनकी पत्नी और बेटे पर भी केस दर्ज है। रामपुर के अजीम नगर थाने में आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा, बेटे अब्दुल्लाह और वक्फ बोर्ड के अधिकारियों सहित 9 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। इन पर वक्फ संपत्ति को हड़पने का आरोप है।
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