बेबी रानी मौर्य बन सकती हैं उप मुख्यमंत्री, दलित समाज का बड़ा चेहरा हैं उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल

Baby Rani Maurya: बेबी रानी को उप मुख्यमंत्री बनाकर महिलाओं को ताकत देने से भी जोड़ कर देखा जाएगा. वे आगरा की रहने वाली हैं और पश्चिम में इसे बीजेपी को मजबूत करने से भी जोड़ा जाएगा.

Report :  Raj Kumar Singh
Update: 2022-08-22 06:52 GMT

Baby Rani Maurya may become Deputy Chief Minister (Image: Social Media)

Baby Rani Maurya Deputy Chief Minister: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनने की प्रबल संभवाना के बीच अब ये सवाल खड़ा हो गया है कि उनकी जगह सरकार में उप मुख्यमंत्री कौन बनेगा. बीजेपी जिस तरह के जातीय आधार पर सरकार और संगठन में सामंजस्य बैठा रही है उससे ये लगता है कि यदि कोई नया उप मुख्यमंत्री बना तो वह दलित या ओबीसी वर्ग से होगा. इनमें निम्न विकल्प हो सकते हैं-

ओबीसी वर्ग से

पहला मत तो यह है कि किसी ओबीसी को ही उपमुख्यमंत्री बनाया जाए क्योंकि केशव मौर्य इसी समाज से आते हैं और प्रदेश में इस समय ओबीसी का बड़ा हिस्सा बीजेपी के साथ है. बीते चार चुनावों की बात करें तो 2014 के लोकसभा फिर 2017 के विधानसभा चुनाव, इसके बाद 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनावों में सभी में अति पिछड़े वर्ग अर्थात ओबीसी और एमबीसी (मोस्ट बैकवर्ड क्लास) ने बीजेपी का साथ दिया. इन्हीं के चलते बीजेपी को चारों चुनावों में जबरदस्त सफलता हासिल हुई.

यही वजह रही कि वर्तमान में एक डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष व सरकार में वरिष्ठ मंत्री स्वतंत्र देव सिंह दोनों ही ओबीसी वर्ग से आते हैं. अब सवाल उठता है कि वो ओबीसी चेहरा कौन हो सकता है जो केशव मौर्य की जगह सरकार में ले. तो पहला नाम स्वतंत्र देव सिंह का ही है. वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी हैं. लेकिन बीते कुछ समय से संगठन और केंद्रीय नेताओं से उनका समीकरण कुछ ठीक नहीं चल रहा है. ऐसे में उनकी संभावना अधिक नहीं लग रही है.

दलित वर्ग से

यदि केशव मौर्य संगठन में जाते हैं तो सबसे प्रबल संभावना किसी दलित नेता के उप मुख्यमंत्री बनने की है. आरएसएस और बीजेपी इस समय यूपी में दलितों को अपने से जोड़ने के लिए मेहनत कर रहे हैं. खासतौर से बीएसपी के कमजोर होने के बाद. दलितों के लिए केंद्र और राज्य की कई योजनाएं चल रही हैं. बीते कुछ चुनावों में दलितों के एक बड़े हिस्से ने बीजेपी को वोट भी किया है. इस समय सरकार और संगठन में दलितों का प्रतिनिधित्व भी कम है.

हाल ही में नए बने संगठन मंत्री धर्मपाल भी ओबीसी वर्ग से हैं. ऐसे में सरकार में दलितों का प्रतिनिधित्व ठीक करने और दलित समाज को संदेश देने के लिए बीजेपी किसी दलित नेता को उप मुख्यमंत्री बना सकती है. इनमें फिलहाल जो नाम सबसे आगे है वो उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल और वर्तमान में राज्य सरकार में मंत्री बेबी रानी मौर्य का है. इन्हें जब उत्तराखंड के राज्यपाल से इस्तीफा दिलाकर विधानसभा का चुनाव लड़ाया गया था तभी से इन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय माना जा रहा है.

बेबी रानी को उप मुख्यमंत्री बनाकर महिलाओं को ताकत देने से भी जोड़ कर देखा जाएगा. वे आगरा की रहने वाली हैं और पश्चिम में इसे बीजेपी को मजबूत करने से भी जोड़ा जाएगा. इस लिहाज से बेबी रानी मौर्य इस पद के लिए सबसे मुफीद विकल्प हो सकती हैं.

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