पानी की टंकी पर चढ़ ग्रामीणों ने कोटेदार के खिलाफ भरी हुंकार, रखी ये मांग

लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा न रहे इसके लिए प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को लोगों तक मुफ्त में राशन पहुंचाने के सख्त आदेश दिए...

Update:2020-04-17 00:30 IST

बागपत: लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा न रहे इसके लिए प्रदेश सरकार ने सभी जिलों के अधिकारियों को लोगों तक मुफ्त में राशन पहुंचाने के सख्त आदेश दिए हैं लेकिन इसके बावजूद भी सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चलाने वाले लोग अभी राशन की कालाबाज़ारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। लॉकडाउन में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ताजा मामला बागपत जिले का है, जहां राशन डीलर की मनमानी और दबंगई से ग्रामीण परेशान होकर गुस्साये ग्रामीण गुरुवार को गांव के बाहर पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन करने लगे। इसकी सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने ग्रामीणों को उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन देकर उन्हें शांत किया।

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कुछ यूं फूटा लोगों का गुस्सा

बता दें कि पूरा मामला बागपत जिले के छपरौली थाना इलाके का है। वहां पिछले काफी समय से गांव के लोग राशन डीलर की दबंगई से परेशान हैं क्योंकि राशन डीलर उन्हें राशन नहीं देता है और अगर उसके पास राशन के लिए जाते हैं तो वह उनके साथ बदसलूकी कर राशन दिए बगैर ही वहां से भगा देता है। आज भी जब गांव की महिलाएं राशन लेने के लिए सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर पहुंचे तो उसने उन्हें राशन नहीं दिया तो महिलाओं समेत 2 दर्जन ग्रामीण पानी की टंकी पर चढ़ गए और राशन डीलर के खिलाफ कार्रवाई करने, उसका लाइसेंस निरस्त करने की मांग करने लगे।

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प्रशासनिक अमले ने पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया

वहीं ग्रामीणों के टंकी पर चढ़ने की सूचना मिलते ही एसडीएम व सीओ मय फोर्स मौके पर पहुंचे और कई घण्टो की मसक्कत के बाद टंकी से उतरवाने में कामयाब हुए। ग्रामीणों का आरोप है कि राशन डीलर ग्रामीणों को मिलने वाले राशन की कालाबाज़ारी करता है और एक साल पहले भी ग्रामीण टंकी पर चढ़ गए थे तो उसके बाद उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था लेकिन उसके कुछ दिनों बाद ही उसे लाइसेंस पुनः दे दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि वे अब उसके पास राशन नहीं लेने जाएंगे। अगर उसका लाइसेंस निरस्त नहीं किया गया तो वे फिर से टंकी पर चढ़ जाएंगे और नहीं उतरेंगे। उग्र आंदोलन भी करेंगे।

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आखिर एसडीएम का क्या कहना है

एसडीएम बड़ौत ने बताया कि ग्राम प्रधान की मदद से लोगों को समझाकर टंकी से नीचे उतरवा दिया गया है और ग्रामीणों की राशन नहीं मिलने की समस्या नहीं है। उनका कहना है कि वे उसके यहां राशन लेने नहीं जाएंगे। फिलहाल आरोपों की जांच शुरू कर दी गयी है। यदि राशन डीलर दोषी पाया गया तो निश्चित तौर पर कार्यवाही की जाएगी।

रिपोर्ट: पारस जैन

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