Banda News: मृदंग केसरी की जयंती पर अयाज खान ने लूटी संगीत की महफिल, अनमोल-प्रियंका की जुगलबंदी ने बटोरी वाहवाही
अयाज खान ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांध दिया, वहीं प्रियंका मणि की पखावज चारताल में झंडीलाल के पड़पोते अनमोल के साथ जुगलबंदी ने खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम में मौजूद नामचीन हस्तियों ने कार्यक्रम की खूबसूरती में चार चांद लगा दिए।
Banda News: मृदंग केसरी की उपाधि से विभूषित बुंदेलखंड के लाल पंडित श्यामसुंदर द्विवेदी उर्फ झंडीलाल की 115वीं जयंती पर मंगलवार को बांदा के कटरा स्थित राम दरबार मंदिर में शास्त्रीय संगीत का दरबार सजा। अयाज खान ने अपनी प्रस्तुतियों से जहां महफिल लूट ली, वहीझंडीलाल के प्रपौत्र अनमोल के साथ प्रियंका मणि की पखावज चारताल में जुगलबंदी ने जमकर वाहवाही बटोरी। जाने-माने लोगों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
बुंदेलखंड के लाल झंडीलाल ने मृदंग वादन में खींची नई लकीरें
बुंदेलखंड के बांदा की सीमा से लगे छतरपुर की गौरिहार तहसील के ग्राम पलटा 1909 ई. में जन्मे पंडित श्यामसुन्दर द्विवेदी उर्फ झंडीलाल ने मृदंग वादन को नई ऊंचाइयां देकर देश विदेश में नाम कमाया। झंडीलाल न केवल पंडित कुदऊ सिंह घराने के श्रेष्ठतम मृदंग वादक बनकर उभरे, बल्कि मृदंग केसरी उपाधि से भी नवाजे गए।
मुकेश ध्रुपद गायन में अवधेश की तबले पर संगति ने बांधा समां
साहित्यकार और पंडित जेएन डिग्री कालेज में हिंदी विभागाध्यक्ष रहे डॉ. चंद्रिका प्रसाद दीक्षित 'ललित' की अध्यक्षता में 'जयंती संगीत समारोह' में कानपुर से पधारे ख्यातिलब्ध ध्रुपद गायक पंडित मुकेश द्विवेदी ने राग जयजयवंती में आलाप व चारताल में 'मोर मुकुट कानन कुंडल' बंदिश पेश की। मध्य लय में 'जगजननि भवानी' शूलताल भी प्रस्तुत किया। मुकेश के साथ पखावज पर मृदंगाचार्य पंडित अवधेश द्विवेदी की ने संगति अलग ही समां बांधा।
अयाज संग पखावज पर लल्लूराम शुक्ल ने सभी को गुदगुदाया
झंडीलाल के प्रपौत्र अनमोल द्विवेदी और उनके बेटे पंडित अवधेश द्विवेदी की शिष्या प्रियंका मणि की पखावज चारताल में जुगलबंदी ने लोगों को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया। जबकि जहानाबाद से पधारे उमर अयाज खान ने राग यमन मे आलाप व 'श्यामसुंदर प्यारे' ध्रुपद प्रस्तुत कर महफिल लूट ली। राग जोग में शूलताल पर 'ऐसे झंडीलाल' प्रस्तुति भी सराही गई। अयाज के साथ चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में संगीत विभागाध्यक्ष रहे पंडित लल्लूराम शुक्ल की पखावज पर संगति ने सभी को गुदगुदाया।
झपताल में प्रमुदित को मिथिलेश और योगेंद्र ने तबले से संवारा
झपताल व तराना ख्याल में प्रमुदित मिश्र के साथ तबले पर मिथलेश सिंह व योगेन्द्र पांडेय की संयुक्त संगति ने सभी का ध्यान खींचा। आशु कवि जवाहरलाल 'जलज' ने झंडीलाल की जीवनी पर प्रकाश डाला। इस बीच डा. दीक्षित 'ललित' के काव्यपाठ ने माहौल में अलग ही रंग जमाया। उन्होंने सांगीतिक व साहित्यिक सामंजस्य की उम्दा मिसाल पेश की। संचालन पंडित लल्लूराम शुक्ल ने किया।
रामजस नन्ना और गोपाल भाई जैसी शख्सियतों ने बढ़ाई समारोह की शोभा
समारोह में जानी-मानी शख्सियत और बांदा सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी के पिता रामजस द्विवेदी 'नन्ना', प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल भाई, दिवारी नृत्य को नई पहचान देने वाले रमेश पाल, युवा कवि दीनदयाल सोनी, पूर्व जज अवधेश नारायण द्विवेदी, कवियत्री और लेखिका छाया सिंह, पूर्व क्रीड़ा अधिकारी सबल सिंह और सुरेंद्र सिंह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। राम दरबार के प्रमुख कर्ताधर्ता और जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष अशोक त्रिपाठी जीतू ने सभी का आभार व्यक्त किया।