Banda News : बालू की काली कमाई को लेकर पत्रकारों में रार, मान्यता प्राप्त पत्रकार के खिलाफ महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी का मुकदमा

Banda News: पुलिस और सफेदपोशों के साथ ही पत्रकारों के एक वर्ग की संलिप्तता के किस्से आम और खास सभी की जुबान पर चढ़े हैं। पत्रकारों में कुछ वो हैं जो खननकर्ताओं से जिले के मीडिया को साधने के लिए एकमुश्त रकम की थैली ग्रहण करते हैं।

Report :  Om Tiwari
Update:2024-11-19 22:51 IST

banda News (newstrack)

Banda News. बांदा में बालू के अवैध खनन की काली कमाई में खननकर्ताओं के अलावा प्रशासन, पुलिस और सफेदपोशों के साथ ही पत्रकारों के एक वर्ग की संलिप्तता के किस्से आम और खास सभी की जुबान पर चढ़े हैं। पत्रकारों में कुछ वो हैं जो खननकर्ताओं से जिले के मीडिया को साधने के लिए एकमुश्त रकम की थैली ग्रहण करते हैं। शेष में वो हैं जो थैली के टुकड़े मिलने पर जश्न मनाते हैं और टुकड़ा न मिलने पर अवैध खनन की सचित्र खबरें वायरल कर उल्लू सीधा करने की जुगत भिड़ाते हैं। इन दोनों किस्म के पत्रकारों में ठनने के बाद मामला पुलिस की ड्योढ़ी तक पहुंचा है। एक मान्यता प्राप्त पत्रकार पर हालांकि महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी का मुकदमा दर्ज हुआ है। लेकिन इसकी पृष्ठभूमि बालू की काली कमाई में हिस्सेदारी को लेकर उपजी तनातनी से जोड़ी जाती है। तथाकथित पत्रकार की मान्यता को लेकर सूचना विभाग की भूमिका पर भी सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं।

पत्रकारों के दो वर्ग, एक सभी को चुप रखने का ठेकेदार

बताया गया, एक महिला पत्रकार ने जिस मान्यता प्राप्त पत्रकार पर अभद्र टिप्पणी का मुकदमा दर्ज कराया है, वह अवैध खनन के खिलाफ पत्रकारों के आंख कान बंद रखने के नाम पर खननकर्ताओं से हर माह मोटी रकम उगाहने के लिए कुख्यात है। नामी गिरामी बैनर वाले मठाधीश पत्रकारों से लेकर गली-गली दुम हिलाने वाले छुटभैए पत्रकारों को बालू की कमाई से उपकृत करना उसका शगल हैं। इस उपकार से अछूते रहने वाले पत्रकार हल्ला मचाते हैं। खनन के वीडियो वायरल कर ख़बरें चलाते हैं। किसी की बात बन जाती है तो तमाम ऐसे अनेक उपक्रमों के बावजूद हाथ मलते रह जाते हैं।

मुकदमे का शिकार हुए पत्रकार को मान्यता पर सवालों के घेरे में बांदा का सूचना विभाग

ऐसे ही माहौल में खननकर्ताओं से मोटी रकम उगाहने वाले मान्यता प्राप्त पत्रकार के विरुद्ध महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने का मुकदमा दर्ज हुआ है। इस पत्रकार के विरुद्ध अनेक अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। बावजूद इसके उत्तर प्रदेश सरकार से मिली मान्यता को लेकर बांदा सूचना विभाग पर सवाल उछाले जा रहे हैं। अंगूठा टेक इस मान्यता प्राप्त पत्रकार की सूचना विभाग में आवभगत कुछ अलग ही चुगली करती है। पत्रकार पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। देखना होगा कि बालू की काली कमाई और क्या गुल खिलाती है।

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