Barabanki News: दहेज में नहीं मिली रजाई, सास ने नहीं मनाने दी सुहागरात

Barabanki News: दहेज में रजाई न लाने पर सास ने बहू को प्रताड़ित किया। आरोप है कि सास ने सुहागरात ही नहीं मनाने दी।

Report :  Sarfaraz Warsi
Update: 2024-05-31 10:00 GMT

मामले में अधिकारियों के पास पहुंचे पति पत्नी। (Pic: Newstrack)

Barabanki News: आपने अभी तक दहेज से जुड़े तमाम मामले सुने होंगे। कोई कार तो कोई बाइक, कभी कभी सोने की चेन के लिए लोग रिश्ते तोड़ देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सुना कि बहू रजाई लाना भूल गई हो तो सास ने उसकी सुहागरात ही रोक दी। पुलिस के परिवार परामर्श केंद्र में यह मामला आया तो सभी काउंसलर भी चौंक गए। युवती ने दहेज प्रताड़ना की शिकायत एसपी दिनेश कुमार सिंह से की है। रिश्ता टूटने से बच जाए इसलिए एसपी ने मामले को महिला थाने में आयोजित होने वाले परिवार परामर्श शिविर में भेज दिया। लेकिन शिविर में जब काउंसलर की टीम ने दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर एक-एक कर बातें सुनी तो प्रार्थना पत्र में लिखी गई बातों से अलग ही मामला नजर आया।

फरवरी के महीने में नहीं मिली रजाई

मामला मसौली थाना क्षेत्र की रहने वाली युवती से जुड़ा है। जिसकी शादी लखनऊ में एक सरकारी चिकित्सालय में संविदा पर काम करने वाले युवक के साथ 25 फरवरी 2024 को हुआ था। युवती के मुताबिक उसके पिता का निधन हो चुका है। मां व भाईयों ने दहेज में अन्य सामान के साथ कार भी दी। विदा होकर ससुराल पहुंची तो वहां सास का रुख कुछ देर बाद बदल गया। दूसरी मंजिल पर अकेली रात 10 बजे तक बैठी रही। किसी ने चाय-पानी तक नहीं पूछा तो नीचे उतरकर सास के पास गई और अपना कमरा पूछा। सास ने कमरा बताया लेकिन कमरे में रजाई नहीं थी। फरवरी में जाड़ा रजाई ओढ़ने लायक था। सास से पूछा तो बोली तुम्हारी मां व भाईयों ने रजाई नहीं दी है, तो बिना रजाई के सो जाओ। यह सुनकर खुशियां मानों काफूर हो गईं। आंखों से आंसू गिरने लगे। कलेवा का सामान जिस चादर में बंधा रखा, उस चादर को मांगा तो सास ने कहा इसे जरूर ले जाओ आपके ही मायके की है।

सास के इशारों पर पति ने किया काम

कमरे में जाकर बेड का पावा पकड़कर बैठ गई। मध्य रात के बाद पति रजाई लेकर आए। कहा सो जाओ, कल बात करेंगे। पति का रजाई लाना थोड़ा सकून देने वाला था। थकान के कारण सो गई। दूसरे व तीसरे दिन भी पति साथ में लेटे लेकिन सुहागरात नहीं हुई। चौथे दिन पति मोहल्ले में ही स्थित अपने बड़े भाई के घर में चले गए। वहां से चार दिन बाद लौटे, फिर भी सुहागरात नहीं हुई। इसके बाद जब पति ड्यूटी पर चले गए, तब सास ने पूछा क्या तुम दोनों ने सुहागरात नहीं मनाई? बहू बोली आप अपने बेटे से पूंछें। सास ठहाका मार कर हंसी और बोली हमें पता है, मेरी मर्जी के बिना मेरा बेटा कुछ नहीं करेगा। फिर अपने पास बैठाकर सास बोली तुम्हारी मां ने टीवी दिया होता तो हम दोनों सास-बहू बैठकर देखते। पांच परछन वाली साड़ियां भी नहीं दी। इससे हमारी बहुत बेइज्जती हुई है। इन्हीं सब बातों को लेकर हम सब बहुत नाराज हैं। इसीलिए सुहागरात नहीं मनाने दी गई।

पति ने भी लगाए आरोप

युवती के मुताबिक किसी तरह 15 दिन बाद वह भाई के साथ मायके आ गई। पति से नवरात्र में लिवाने के लिए फोन किया, लेकिन नहीं आए। बाद में नहीं ले जाने का संदेश भिजवा दिया। समझाने की सारी कोशिशें फेल होने के बाद एसपी को प्रार्थना पत्र दिया। वहीं जब पति से पूछा गया तो उन्होंने भी अपनी मां द्वारा रजाई व परछन के अलावा सुसराल वालों पर तिलक समारोह में अच्छी खान-पान की व्यवस्था नहीं करने का आरोप लगाकर ताने मारने को अपनी नाराजगी का कारण बताया। यह भी कहा कि इन सब कार्यों में पत्नी की सहभागिता रही है। पत्नी ने अपने भाईयों व मामा से दिमाग सही कराने की धमकी भी दी है। इसलिए वह रिश्ता समाप्त करेगा। लेकिन युवती ने पुरानी बातों को भुलाते हुए रिश्ते की नई शुरूआत करने की बात कही। फिर काउंसलर संजीव मिश्र, अमृता शर्मा और केएन तिवारी ने पति-पत्नी को कुछ देर के लिए अलग बैठकर बातें करने की मोहलत दी। इसके बाद युवक ने एक हफ्ते का मौका सोचने के लिए मांगा। पर महिला थानाध्यक्ष मुन्नी सिंह ने दो दिन का मौका दिया। इसके बाद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कही।

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