बड़ी खबर: प्रयागराज मनरेगा टॉप-10 लिस्ट में शामिल

लाकडाउन ने देश की तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी। विकास के तमाम मापदंडो के बावजूद आज भी हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अपना अलग महत्व है।

Update: 2020-05-22 10:06 GMT

लखनऊ। देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई उर्जा और गति प्रदान करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने मनरेगा के तहत काम को वरीयता दी है। एक ओर जहां मनरेगा में दैनिक मजदूरी बढाकर 200 रुपये कर दी गयी है वहीं कार्यदिवसों की संख्या में भी पर्याप्त वृद्दि की गयी है।सरकार का प्रयास है कि पूरे देश में मनरेगा में न्यूनतम मजदूरी तय कर दी जाये ताकि कामगारों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

ये भी पढ़ें....फुटबाल मैच के दौरान हुई ऐसी बेतुकी हरकत, अब लगा 62 लाख का जुर्माना

ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अपना अलग महत्व

गौरतलब है कि लाकडाउन ने देश की तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी। विकास के तमाम मापदंडो के बावजूद आज भी हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अपना अलग महत्व है।

मनरेगा के तहत उतर प्रदेश मे इसी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से नई गति देने का काम शुरु हो गया है। बात अगर प्रयागराज की करें तो एक दिन में 60000 कार्य दिवस रोजगार सृजित कर 1608 गांवो में तेजी से निर्माण कार्य चलाया रहा है। यह जिला मनरेगा के तहत काम देने की सूची में दसवें स्थान पर आ गया है ।

ये भी पढ़ें....बदला आसमान: एक तरफ तबाही तो दूसरी ओर दिखा ऐसा नजारा, उड़े सबके होश

मनरेगा उपायुक्त कपिल कुमार ने बताया कि यमुनापार 16 सौ से अधिक गांव में कार्य शुरू करा दिया गया है। जिले के कोरांव मेंजा बारा, करछना हड़िया, सोरांव और फूलपुर गांव में तालाब की खुदाई, चकरोड कार्य ,बारिश के पानी को एकत्र करना और नाली निर्माण जैसे कार्य प्रगति पर है जो गांव और ग्रामीण व्यवस्था दोनो को सुदृढ बना रहे है।

ये भी पढ़ें....नशेबाज मेयर ताबूत में जा घुसे, आलीशान पार्टी में की ऐसी करतूत

मास्क, गमछा आदि निर्देशों का पालन

शासन के आदेशों के बाद अलग-अलग पंचायतों में मनरेगा के तहत काम शुरू हो गया है। जिनके पास जॉब कार्ड नहीं हैं, तो उनका जॉब कार्ड तत्काल बनाया जा रहा है।

सभी को सख्त निर्देश हैं कि वह दूरी बनाकर कार्य करने के साथ ही साथ मास्क, गमछा आदि निर्देशों का पालन करें।

मनरेगा जॉब कार्ड धारक अजय, अरुण, ओमप्रकाश, उमेश कुमार, सुदामा, शालू और पार्वती ने बताया कि कोरोना महामारी लॉक डाउन में हम लोगों का रोजगार बंद हो जाने से उन्हें घर में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना से उन्हें रोजगार मिल गया हैजिससे उन्हें लाकडाउन में काफी सहूलियत हो रही है।

ये भी पढ़ें....अभी-अभी जोरदार धमाका: धधक-धधक के जल रही फैक्ट्री, कई गाड़ियां मौजूद

Tags:    

Similar News