बंगला मामले में मायावती को बड़ी राहत, HC से याचिका वापस ली गई

Update:2016-11-04 20:19 IST

लखनऊ: यूपी की पूर्व सीएम मायावती के बंगलों के संबंध में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दाखिल जनहित याचिका को याचिकाकर्ता अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने शुक्रवार को वापस ले लिया। याची ने नई याचिका दाखिल करने की बात कहते हुए कोर्ट से याचिका वापस लिए जाने की अनुमति मांगी। इस पर मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बी भोसले और न्यायमूर्ति राजन रॉय की खंडपीठ ने अनुमति देते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।

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इसी साल 8 फरवरी को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता बुलबुल गोडियाल ने इसी विषय पर अन्य याचिकाओं की सुनवाई पांच न्यायधीशों की वृहद पीठ के समक्ष लंबित होने की जानकारी दी थी। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि फरवरी 2010 के शीर्ष अदालत के आदेश के अनुपालन में वृहद पीठ का गठन किया गया था। इस पीठ के समक्ष 13 याचिकाएं लंबित हैं जो स्मारक स्थल बनाने, ग्रीन बेल्ट को समाप्त किए जाने और गन्ना आयुक्त के कार्यालय को पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले में विलय करने से संबंधित हैं।

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उन्होंने कहा था कि याची मोतीलाल यादव की ओर से दाखिल वर्तमान याचिका में बंगलों के विलय के संबंध में जो विषय उठाया गया है, उसी विषय से संबंधित तीन याचिकाएं वृहद पीठ के समक्ष लंबित हैं। इनमें से एक याचिका में गन्ना आयुक्त के दफ्तर को पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले में विलय किए जाने को चुनौती दी गई है जो पूरी तरह बंगला नंबर-2 और 13ए से ही संबंधित है।

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इसके बाद उक्त याचिका की सुनवाई कर रही दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने उचित निर्णय के लिए मामले को मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष भेजने के आदेश दिए थे। अधिवक्ता मोतीलाल यादव की ओर से दायर उक्त जनहित याचिका में माल एवेन्यु, लखनऊ और दिल्ली के बंगलों को अनियमित तरीके से पूर्व मुख्यमंत्री को आवंटित करने और अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए, खाली कराने की मांग की गई थी।

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