Bijnor News: गंगा उफान में फंसे पांच किसान, रेस्क्यू कर बचाई गई जान

गंगा में अचानक उत्तराखण्ड की ओर से पानी छोड़ने से गंगा का जलस्तर बढ़ गया। गोताखोरों की मद्द से फंसे लोगों को चार घण्टे की मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया

Written By :  ‪Rohit Tripathi‬
Published By :  Pallavi Srivastava
Update:2021-06-19 12:34 IST

Bijnor News:  जिले के मंडावर इलाके में आज उस वक्त हड़कम्प मच गया जब गंगा के किनारे खेतो की रखवाली कर रहे 5 किसान गंगा में आये अचानक तेज पानी मे फंस गए। सूचना पर मंडावर कोतवाल मनोज कुमार के साथ पहुंची पुलिस पीएसी और गोताखोरों की टीम ने काफी मशक्कत के बाद पांचो को रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला। गंगा किनारे बसे लोगों को सुरक्षित जगह जाने के लिए पुलिस ने एलान करके सतर्क किया है।

दरअसल यह पूरा मामला बिजनौर के मंडावर थानां क्षेत्र के गंगा नदी का है। जंहा देर रात गंगा में अचानक से उत्तराखण्ड की ओर से 03 लाख क्युसेक पानी छोडने से गंगा का जलस्तर बढ़ गया जिससे खेतो में लगी प्लेज की रखवाली कर रहे पांच लोग समय सिंह पुत्र गंगाराम, जोगेंद्र सिंह पुत्र ताराचंद, महेंद्र पुत्र घसीटा निवासी निवासीगण ग्राम दयालवाला थाना मण्डावर, कलीराम पुत्र पुनवा निवासी ग्राम मीरापुर थाना मण्डावर,.चेतन पुत्र नंदराम निवासी ग्राम शिमला थाना मंडावर गंगा में फंस गए ।

बढ़ गया गंगा का जलस्तर pic(social media)

गंगा के पास ना जाने की हिदायत

रात दो बजे मंडावर कोतवाल मनोज कुमार को पीड़ित समय सिंह ने फोन सूचना दी कि वह लोग गंगा के बीच एक टापू पर फंस गए उन्हें बचाया जाए। सूचना पाकर मंडावर कोतवाल पुलिसटीम के साथ मौके पर पहुंचे और पुलिस पीएसी और गोताखोरों की मद्द से काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर पांचो को सुरक्षित निकाला गया। वंही इस मामले में मंडावर थानां प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार का कहना है की रात 2 बजे उनके सरकारी फोन पर सूचना आई कि कुछ लोग गंगा के तेज बहाव में फंस गए हैं। तत्काल कार्यवाही करते हुए पीएसी की टीम और पुलिस टीम व गोताखोरों की मद्द से फंसे पांच लोगों को चार घण्टे की मशक्कत के बाद सुबह 6 बजे सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है। साथ ही गंगा किनारे खेती करने वाले लोगो को गंगा के पास ना जाने की हिदायत माइक द्वारा दीजा रही है।

हर साल बाढ़ आने पर यही हाल होता है। गांववासी अपना घरबार छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। और सरकारी तंत्र विफल हो जाता है। सरकार को चाहिए कि बरसात से पहले ही उचित व्यवस्था करदे ताकि ग्रामीणों व झोपड़पट्टी में रह रहे लोग सुरक्षित रहें। 

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