विकास दुबे कांड: एनकाउंटर पर चौंकाने वाला खुलासा, जानकर हो जाएंगे दंग

विकास दुबे को गिरफ्तार करने के बाद यूपी पुलिस व एसटीएफ की टीम विकास को लेकर कानपुर आ रही थी। 10 जुलाई की सुबह सचेंडी में विकास एनकाउंटर में मारा गया था। एनकाउंटर की जांच गोविंदनगर इंस्पेक्टर अनुराग मिश्र कर रहे हैं।

Update: 2020-10-07 07:31 GMT
विकास दुबे कांड: एनकाउंटर पर चौंकाने वाला खुलासा, जानकर हो जाएंगे दंग

कानपुर: कुख्यात अपराधी विकास दुबे की गिरफ्तारी नौ जुलाई को उज्जैन महाकाल मंदिर से स्थानीय पुलिस ने की थी। अब इस मामले में एक नयी बात सामने आ रही है। उज्जैन के महाकाल मंदिर में दहशतगर्द विकास दुबे के सरेंडर करने में कुछ तो ऐसा है, जिसे वहां की पुलिस छिपा रही है। स्थानीय पुलिस जांच में कानपुर पुलिस का सहयोग नहीं कर रही है। इसीके साथ ही मंदिर के जिस कर्मचारी ने बयान दर्ज कराए, उस पर ही कार्रवाई कर दी गई। यह कार्रवाई एसपी उज्जैन की संस्तुति पर महाकाल मंदिर प्रशासन ने की है।

विकास दुबे की गिरफ्तारी नौ जुलाई को उज्जैन महाकाल मंदिर से हुई थी

बताया जा रहा है कि यह पूरी कवायद एक सफेदपोश को बचाने के प्रयास में किया जा रहा है। इसी कर्मचारी ने भदोही के बाहुबली विधायक विजय मिश्रा को गिरफ्तार कराने में अहम जानकारियां दी थीं। गौरतलब है कि विकास दुबे की गिरफ्तारी नौ जुलाई को उज्जैन महाकाल मंदिर से स्थानीय पुलिस ने की थी।

एनकाउंटर में मारा गया था विकास दुबे

विकास दुबे को गिरफ्तार करने के बाद यूपी पुलिस व एसटीएफ की टीम विकास को लेकर कानपुर आ रही थी। 10 जुलाई की सुबह सचेंडी में विकास एनकाउंटर में मारा गया था। एनकाउंटर की जांच गोविंदनगर इंस्पेक्टर अनुराग मिश्र कर रहे हैं। जांच के सिलसिले में अनुराग मिश्र के नेतृत्व में पुलिस की टीम 24 सितंबर को उज्जैन पहुंची थी।

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मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ा था

जाँच कर रही कानपुर पुलिस ने महाकाल मंदिर के कर्मचारी गोपाल कुशवाहा से पूछताछ की। गोपाल ने बताया कि विकास ने आकर उससे पूछा था कि बैग और चप्पल कहां रखें। इसके बाद बैग में ही चप्पल रखकर उसे पकड़ा गया था। कुछ देर बाद मंदिर के सुरक्षाकर्मियों ने उसे पकड़ लिया था। पुलिस ने फूल बेचने वाले सुरेश कुमार से भी पूछताछ की। इसके बाद टीम लौट आई।

मंदिर प्रशासन ने गोपाल को नोटिस जारी कर दिया

पूछताछ के ठीक अगले दिन पुलिस अधीक्षक अनुभाग महाकाल उज्जैन की तरफ से 25 सितंबर को मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी को पत्र लिखकर गोपाल की भूमिका संदिग्ध बताई गई। इसके बाद मंदिर प्रशासन ने गोपाल को नोटिस जारी कर दिया। जांच अधिकारी इंस्पेक्टर अनुराग मिश्र का कहना है कि गोपाल से पूछताछ की है। उसे बेवजह फंसाया जा रहा है।

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उज्जैन पुलिस क्या छिपा रही है

एनकाउंटर की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उज्जैन पुलिस सहयोग नहीं कर रही है। यह वजह है कि उन्होंने अपने स्तर से मंदिर के कर्मचारियों से संपर्क कर पूछताछ की। इसकी जानकारी जब वहां की पुलिस को हुई मंदिर के कर्मचारी को परेशान किया जाने लगा। कुछ तो है जिसे उज्जैन पुलिस छिपाना चाहती है।

राज को दबाने का प्रयास तो नहीं कर रही उज्जैन पुलिस

विकास दुबे की जब गिरफ्तारी हुई थी तब यह तथ्य सामने आया था कि पूरी योजना बनाकर उसे सार्वजनिक सरेंडर कराया गया। ताकि उसका एनकाउंटर न हो सके। इसके पीछे मध्यप्रदेश के बड़े नेता के नाम की चर्चा थी। उज्जैन पुलिस के सहयोग न करने और कानपुर पुलिस की तफ्तीश में खलल पैदा करने से ये सवाल उठ रहा है कि कहीं इसी राज को दबाने का प्रयास तो नहीं कर रही उज्जैन पुलिस।

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