Bulandshahr Viral Video: IPS की चेतावनी, 'मेरे किसी अधिकारी से अगर आंख उठाकर बात की तो मैं बक्शूंगी नहीं'
Bulandshahr Viral Video: बुलंदशहर का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें आईपीएस ऑफिसर व्यापारियों से धमकाने वाले लहजे में बात करती नजर आ रही हैं।
Bulandshahr Viral Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें एक आईपीएस अफसर व्यापारियों से कहते सुनाई दे रही हैं, 'अगर मेरे किसी अधिकारी से अगर आंख उठाकर बात की तो मैं बक्शूंगी नहीं।' साहब, ये होती है खाकी की धमक। ये होता है वर्दी का रौब। जब पुलिस महकमे का वरिष्ठ अधिकारी इस लहजे में बात कर रहा हो, तो आप सहज ही उनके अधीनस्थों के मनोबल का अंदाजा लगा सकते हैं। ये वीडियो बुलंदशहर का बताया जा रहा है। महिला आईपीएस अधिकारी का नाम अनुकृति शर्मा है। वो बतौर एएसपी जिले में तैनात हैं।
दरअसल, यूपी के बुलंदशहर में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। अतिक्रमण हटाने को लेकर पुलिस और स्थानीय व्यापारियों में गरमा-गरम बहस हो गई। पुलिस और व्यापारियों के बीच तीखी नोकझोंक में इंट्री हुई आईपीएस साहिबा का। देखते ही देखते उनका पारा चढ़ गया। वायरल वीडियो में वो उंगली दिखाते हुए मौजूद व्यापारियों से बात कर रही हैं। हालांकि, उनका लहजा बातचीत का कम और धमकाने वाला ज्यादा लग रहा है।
'मैं सरकार के लिए काम करती हूं, आपके लिए नहीं'
हालांकि, इस बहसबाजी में एक ज्यादा उम्र के कारोबारी बार-बार आईपीएस अधिकारी को शांत रहने की गुजारिश करते नजर आ रहे हैं। लेकिन, वो सुनने का नाम नहीं ले रहीं। वो कहती हैं मेरे अधिकारी से अगर आप बदतमीजी से बात करते हैं तो बख्शूंगी नहीं। मैं सरकार के लिए काम करती हूं, आप लोगों के लिए नहीं।'
हमारे लिए निष्ठा, दायित्व और कर्तव्य नहीं?
आईपीएस अधिकारी का ये कहना कि, 'मैं सरकार के लिए काम करती हूं, आप लोगों के लिए नहीं।' सब कुछ कह जाता है। कहने का मतलब है कि उनकी निष्ठा, दायित्व और कर्तव्य सरकार के प्रति है। आम लोगों और उनकी मजबूरियों से उन्हें कोई वास्ता नहीं। मगर, सवाल यही है कि जब सरकार हम चुनते हैं। तो क्या प्रशासन की जिम्मेदारी सिर्फ सरकार के प्रति है, आम आदमी से उनका कोई वास्ता नहीं? यही सवाल बुलंदशहर के लोग भी पूछ रहे हैं।
खैर, पूरा वाकया क्या था? व्यापारियों की तरफ से पुलिस अधिकारियों से किस भाषा शैली में बात की गई, इसकी जानकारी newstrack.com को नहीं है। लकिन, आईपीएस अधिकारी जिस लहजे में बात कर रही हैं, उस तरीके कोई भी सही नहीं कहा जा सकता।