Bulandshahr News: UPSC परीक्षा पास कर किसान के बेटे पवन ने बुलंदशहर का नाम किया बुलंद
Bulandshahr News: मंगलवार को यूपीएससी-2024 की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ। इस परीक्षा परिणाम में क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव निवासी पवन कुमार ने 239वीं रैंक प्राप्त कर परिवार व जिले का मान बढ़ाया है।
Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर जनपद के ऊंचागांव विकासखंड क्षेत्र के गांव रघुनाथपुर निवासी किसान मुकेश कुमार के बेटे पवन कुमार नेे यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा-2024 के घोषित परिणाम में 239वीं रैंक अर्जित की है। बेटे की कामयाबी पर गरीब किसान परिवार में जश्न का माहौल है। माता-पिता समेत पूरे परिवार का कहना है कि उन्हें पवन पर गर्व है, जिसने परिवार के साथ अपने गांव और जिले का नाम रोशन किया है।
मंगलवार को यूपीएससी-2024 की परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ। इस परीक्षा परिणाम में क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव निवासी पवन कुमार ने 239वीं रैंक प्राप्त कर परिवार व जिले का मान बढ़ाया है। पिता मुकेश कुमार गांव में एक किसान है। माता सुमन गृहणी है। जिसकी चार बहने हैं। सबसे बड़ी बहन गोल्डी बी.ए की परीक्षा के बाद एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। दूसरी बहन सृष्टि जो वर्तमान में बी.ए की परीक्षा दे रही है। सबसे छोटी बहन सोनिया कक्षा 12 की पढ़ाई कर रही है। किसान पिता ने अपने लाड़ले की कामयाबी पर परिवार में जश्न का माहौल है।
पवन ने 2017 में नवोदय स्कूल से इंटर की परीक्षा पास की थी। इसके बाद इलाहाबाद से बी.ए की परीक्षा पास की। बाद में दिल्ली एक कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। कुछ विषयों की कोचिंग ली और वेबसाइट की मदद ली। दो वर्ष कोचिंग के बाद अधिकतर समय उन्होंने सेल्फ स्टडी करके तैयारी की। पवन कुमार का कहना है कि तीसरे प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है। इस कामयाबी में उन्हें माता-पिता व भाई का भरपूर सहयोग मिला। पिता मुकेश कुमार का कहना है कि उन्हें बेटे की कामयाबी पर बड़ा अच्छा लग रहा है। मां सुमन खुशी से फूले नहीं समा रही है। मंगलवार उनके घर पर पवन कुमार को बधाई देने व मिठाई खिलाने वालों का देर रात तक सिलसिला चलता रहा। पवन ने बताया कि दो बार असफलता हाथ लगने के बाद वह निराश नहीं हुए और लक्ष्य की ओर अग्रसर रहे। उन्हें उम्मीद थी की तीसरी बार सफलता जरूर मिलेगी और ऐसा ही हुआ।
कच्चे मकान में रहकर प्राप्त की प्रारंभिक शिक्षा
किसान मुकेश कुमार का कच्चा मकान है। वहीं, झोपड़ी नुमा पन्नी डालकर दो भैंस पाल रखी है। थोड़ी सी जमीन है, जिससे परिवार का भरण पोषण करते हैं। बेहद आर्थिक तंगी से गुजरने के बावजूद बच्चों को पढ़ाना उनका लक्ष्य है और अब बेटे की सफलता पर पिता को लग रहा है कि ईश्वर ने उनकी सुन ली, उनकी मेहनत रंग लाई उनका त्याग रंग लाया। मुकेश कुमार ने बताया कि 12वीं तक पवन इसी झोपड़ी वाले मकान में रहकर पढ़ा लिखा उसके बाद आईएएस अफसर बनने की उसकी लालसा कम नहीं हुई। आखिर यूपीएससी परीक्षा पास कर उसने गौरवान्वित करने का काम किया है।