CAA पर तनाव: जुमे के दिन जानिए कैसा रहा यूपी के जिलों का हाल

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का दौर अब धीरे-धीरे शांत हो रहा है। आज के दिन सीएए को लेकर दोबारा हिंसा होने की आशंका के चलते यूपी सरकार ने पहले से सुरक्षा के कड़े बन्दोबस्त कर रखे थे।

Update:2019-12-27 17:08 IST

लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का दौर अब धीरे-धीरे शांत हो रहा है। आज के दिन सीएए को लेकर दोबारा हिंसा होने की आशंका के चलते यूपी सरकार ने पहले से सुरक्षा के कड़े बन्दोबस्त कर रखे थे।

अति संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही बढ़ाई गई है और जगह जगह फ्लैग मार्च किया गया है। ज़िलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौलानाओं और मुस्लिम संगठनों के नेताओं से मुलाक़ात कर शांत रहने की अपील की।

जिसका असर भी देखने को मिला। कुल मिलाकर आज जुमे के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध किया था और इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी स्थिति शांतिपूर्ण रही है।

जुमे के एक दिन पहले 21 जिलों में इंटरनेट सेवा पर रोक

योगी आदित्यनाथ सरकार ने 21 जिलों में शुक्रवार आधी रात तक के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया। हालांकि शुरुआत में राज्य के नौ जिलों में इंटरनेट बंद करने का फैसला लिया गया था, लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने एक आदेश जारी किया कि शुक्रवार आधी रात तक 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

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गाजियाबाद में स्थिति रही सामान्य

बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में चार अलग-अलग थाना क्षेत्रों में 20 दिसंबर को पुलिस पर पथराव और जमकर विरोध किया गया था।

वहीं आज पुलिस की सख्ती के चलते जुमे की नमाज के बाद यहां के हालात सामान्य रहे। आज जुमे को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट पर था। गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह और जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे सुबह से ही गाजियाबाद के अलग-अलग इलाकों में जाकर लोगों को समझा बुझा रहे थे। साथ ही स्थिति सामान्य रहे इस बात का निरीक्षण भी कर रहे थे।

पिछले शुक्रवार को 22 जिलों में प्रदर्शन के दौरान 19 की मौत

पिछले शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में 22 जिलों में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 19 लोगों की मौत हो गई थी। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। शुक्रवार को 21 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद की गई है।

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इन संवेदनशील जिलों में प्रशासन अलर्ट पर

कानपुर: पिछले शुक्रवार को बाबुपुरवा और यतीमखाने में हिंसा हुई थी। आईजी मोहित अग्रवाल ने कहा- मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं से सहयोग की अपील की है। पुलिस की तैनाती के साथ खुफिया तंत्र भी सक्रिय है।

मुजफ्फरनगर: संवेदनशील इलाका मीनाक्षी चौक के अलावा तीन अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के साथ पुलिस का जमावड़ा है। मस्जिदों के पास सुरक्षा लगी है। संवेदनशील इलाकों में अधिकारियों के नेतृत्व में फ्लैग मार्च हो रहा है।

मेरठ: संवेदनशील इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मैजिस्ट्रेट तैनात हैं। लोगों की जिम्मेदारी तय की गई है कि कोई इकट्ठा न होने पाएं। डीएम अनिल ढींगरा ने कहा- पीस कमेटियों की बैठक में लोगों से कहा गया है कि यदि उन्हें अपनी बात कहनी है तो वह अपने धर्मगुरुओं के माध्यम से लिखित में पक्ष रख सकते हैं। 14 लोगों की निगरानी सर्विलांस और अन्य माध्यमों से की जा रही है, जो हिंसा फैलाने में शामिल रह सकते हैं।

बिजनौर: संवेदनशील इलाकों में एक कंपनी आईटीबीपी, 6 कंपनी पीएसी की तैनाती है। छह ड्रोन कैमरे और 259 खुफिया कैमरों से संदिग्धों पर नजर रखी जा रही है। प्रशासन ने पीस कमेटी की बैठकाें में लोगों को नागरिकता कानून के बारे में बताया और शांति बनाए रखने की अपील की।

इटावा : शांति बहाली के लिए एसएपी संतोष कुमार मिश्रा ने गुरुवार को मुस्लिम समुदाय के साथ क्रिकेट मैच खेला। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरु, समाजसेवी मौजूद रहे। हालांकि, ऐहतियातन संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबल तैनात है।

इंटरनेट कहां-कहां बंद

लखनऊ, मुरादाबाद, अमरोहा, संभल, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, सीतापुर, शामली, बुलंदशहर, सहारनपुर, फिरोजाबाद और मथुरा समेत 21 जिलों में इंटरनेट बंद हैं। डीजीपी ने कहा है कि हालात के अनुसार इंटरनेट सेवा बहाल करेंगे।

498 लोगों को किया गया चिन्हित

नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान आगजनी, तोड़फोड़ कर सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। सरकार के निर्देश पर 9 जनपदों के डीएम ने क्षतिपूर्ति के लिए 498 लोगों को चिन्हित किया है। जिसकी सूचना शासन को भेज दी गई है।

उप्र के 4 जिलों में 238 लोगों को नोटिस

दरअसल, हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि, जिन लोगों ने सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। उनकी संपत्ति जब्त कर इस नुकसान की भरपाई करेंगे।

चिन्हित हुए इतने-

जनपद संख्या

लखनऊ 82

मेरठ 148

संभल 26

रामपुर 79

फिरोजाबाद 13

कानपुर नगर 50

मुजफ्फरनगर 73

मऊ 08

बुलंदशहर 19

कुल 498

लखनऊ में करीब ढाई करोड़ का नुकसान

19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में लखनऊ के तीन थाना इलाकों में प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान दो पुलिस चौकियों समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था।

हजरतगंज कोतवाली के परिवर्तन चौक पर सबसे अधिक सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। अपर जिलाधिकारी नगर पूर्वी द्वारा यहां अनुमानित धनराशि 2 करोड़ 54 लाख की वसूली के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

लखनऊ में जिन्हें नोटिस जारी किया गया है, उसमें रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी, कांग्रेस नेता सदफ जफर और रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब शामिल हैं।

बहराइच में शांतिपूर्ण रहा आज का दिन

बहराइच में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले शुक्रवार को हुए प्रदर्शन और हिंसा के मद्देनजर इस बार जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन काफी सतर्क रहा। जिले के विभिन्न स्थानों पर मस्जिदों के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए।

जिलाधिकारी शंभू कुमार तथा पुलिस अधीक्षक डॉ गौरव ग्रोवर 3 दिन पहले से ही बाजारों में दुकान दुकान घूम कर नागरिकता संशोधन कानून की सही जानकारी देने वाले पर्चे का वितरण कर रहे थे। जुम्मे के दिन सुबह से ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक भारी पुलिस बल के साथ चौक घंटाघर पहुंच गए।

वह संचार माध्यमों से जिले के अन्य स्थानों की स्थिति का भी जायजा ले रहे थे पूरे दिन स्थिति पर कड़ी नजर रखने के बाद अपराहन 3:00 बजे उस समय राहत की सांस ली गई जब सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज पूरी हो गई।

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