बिना मास्क वालों पर 'तीसरी आंख' की नजर, अब स्टेशनों पर होगी ये कड़ी व्यवस्था

मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर के कुशल मार्गदर्शन में मंडल प्रशासन द्वारा कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सभी यात्रियों की...

Update:2020-06-28 19:42 IST

झांसी: मंडल रेल प्रबंधक संदीप माथुर के कुशल मार्गदर्शन में मंडल प्रशासन द्वारा कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम हेतु कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। मास्क या फेस कवर की सुनिश्चितता के साथ सामाजिक दूरी का पालन करवाया जा रहा है। इसी श्रृंखला में प्रायोगिक तौर पर झाँसी स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 1,2,3,4 व 5 पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से इमेज प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर का संस्थापन किया जाना है। अभी प्लेटफार्म नम्बर 1 व 2 सीसीटीवी पर इसका प्रयोग किया जा रहै है। यह सॉफ्टवेयर कैमरे के माध्यम से आने जाने वाले यात्री व कर्मचारियों पर निगरानी रखेगा।

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बिना मास्क के प्लेटफार्म पर प्रवेश किया तो पकड़ा जाएगा

किसी भी कर्मचारी या यात्री को बिना मास्क लगाए या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करते हुए पाये जाने पर यह स्वतः एक्टिव हो जाएगा तथा इमेज सेंसर तुरंत यह इमेज सीसीटीवी सर्विलांस रूम को फारवर्ड कर देगा। इसके उपरांत उद्घोषणा के माध्यम से संबंधित को आरपीएफ या अन्य कर्मचारियों द्वारा रोककर उचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

उल्लंघन करने पर सेंसर उसे स्कैन कर बजने लगेंगे

रेल यात्रियों एवं कर्मियों को कोरोना वायरस से बचाने, सोशल व फिज़िकल डिस्टेन्सिंग और फेस मास्क की अनिवार्यता की निगरानी के लिये स्टेशन पर इमेज प्रोसेसिंग तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। यदि कोई यात्री या रेलकर्मी फेस मास्क नहीं पहनता या सोशल डिस्टेन्सिंग का उल्लंघन करता है तो वहाँ लगे सेन्सर उसे स्कैन कर बजने लगेंगे। देश में फैले कोरोना वायरस के कारण भारतीय रेल ने पैसेंजर ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बन्द कर दिया था। लगभग ढाई माह बाद रेलवे ने यात्री सेवाएं कुछ नियमों के साथ फिर शुरू कर दी।

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दूरसंचार विभाग की मदद से लगेगा सॉफ्टवेयर

रेलवे स्टेशन पर नियमों का पालन कराने के लिये सिग्नल एवं दूरसंचार विभाग की मदद से इमेज प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर प्रयोग किया जा रहा है। इस तकनीक का इस्तेमाल कर प्रवेश व निकास द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरों की रेन्ज में आने वाले यात्रियों व रेल कर्मियों को स्कैन किया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति बिना फेस मास्क के प्रवेश करता है या सोशल डिस्टेन्सिंग का उल्लंघन करता है तो उसकी इमेज रेड सर्किल में दिखने लगेगी और स्टेशन पर लगे अलार्म बजने लगेंगे। यदि यह प्रयोग सफल रहता है मण्डल के अन्य स्टेशनों पर भी इस तकनीक का उपयोग किया जायेगा।

थर्मल स्कैनिंग के बाद रेलवे स्टाफ को ही मिलेगा प्रवेश

कोविड -19 के संक्रमण को रोकने के उद्देश्य स्टेशन के साथ-साथ मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में भी विशेष सावधानी बरती जा रही है। प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। रेलवे स्टाफ को ही प्रवेश दिया जा रहा है। बाहरी व्यक्तियों एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान यथासंभव गेट पर ही किया जा रहा है जिससे कोरोना के संक्रमण की संभावना को कम से कम किया जा सके। सभी कर्मियों को सामाजिक दूरी के नियम के पालन के साथ मास्क या फेस कवर को सुनिश्चितता के प्रति जागरूक किया जा रहा है। समय – समय पर सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोने के प्रति सभी को प्रतिबद्ध किया जा रहा है जिससे इस विषाणु के विरूद्ध जंग को जीता जा सके।

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एडवांस टिकट बुकिंग वाले रेलयात्रियों को मिलेगी रिफंड राशि

देश में लॉकडाउन लागू होने पर, भारतीय रेल की नियमित टाइम टैबल्ड गाड़ियों का चलना बंद कर दिया गया था एवं बाद में इन गाड़ियों में टिकट्स की बुकिंग भी 14 अप्रैल से बंद कर दी गई थी। परंतु 120 दिन की एडवांस टिकट बुकिंग सुविधा के फलस्वरूप 12 अगस्त तक की गाड़ियों में बुकिंग हो चुकी थी। भारतीय रेल द्वारा इनमें से पहले 30 जून तक की नियमित टाइम टैबल्ड गाड़ियों को कैंसिल कर टिकटों की राशि रिफंड की गई थी। अब रेलवे द्वारा बाकी 1 जुलाई से 12 अगस्त तक की टाइम टैबल्ड गाड़ियां की राशि रिफंड करने का फैसला लिया गया है।

14 अप्रैल से पहले बुक की गई टिकटों को रद्द कर मिलेगी राशि

पुराने टाइम टेबल के अनुसार चलने वाली नियमित गाड़ियों को कोविड की वजह से वर्तमान स्थिति में चलाना संभव नहीं है। इसलिए इन नियमित गाड़ियों में 14 अप्रैल से पहले बुक की गयी सभी टिकटों को कैंसिल कर टिकटों की राशि रिफंड की जा रही है।

रेलवे के इस निर्णय से वर्तमान में चलने वाली स्पेशल यात्री गाड़ियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लॉकडाउन के पश्चात भारतीय रेल द्वारा जो 115 जोड़ी स्पेशल यात्री गाड़ियां शुरू की गई हैं, वे चलती रहेंगी। जुलाई माह में परिस्थितियों का आकलन करने के पश्चात और भी स्पेशल यात्री गाड़ियों को चलाने का निर्णय लिया जा सकता है। रेलवे भविष्य में परिस्थितियों को नज़र में रखते हुए नियमित टाइम टैबल्ड गाड़ियों को चलाने पर फैसला लेगा।

रिपोर्ट: बी.के. कुशवाहा

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