गडकरी का बड़ा बयान- सहारनपुर, आगरा और कानपुर के इस उद्योग को केंद्र देगा सहयोग
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ना और चावल का बहुतायत उत्पादन होता है, इसको लीड उद्योग के रूप में लेना चाहिए।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि सहानपुर में फर्नीचर, कानपुर तथा आगरा में लेदर क्लस्टर के समुचित विकास में केन्द्रीय लघु उद्योग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया गया है। इन क्लस्टर के विकसित हो जाने पर जहां, इनके निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, वहीं प्रदेश के कुशल और अकुशल श्रमिकों एवं कामगारों को बड़े पौमाने पर रोजगार के अवसर सुलभ होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लघु उद्योग क्षेत्र के विकास की व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं।
नितिन गडकरी ने दिया सहयोग का आश्वासन
अवध चैम्बर्स आफ कामर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज द्वारा आयोजित वेबिनार में मुख्य अतिथि केन्द्रीय लघु उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केन्द्र सरकार सभी जिलों में ओडीओपी को प्रोत्साहित करने में हर सम्भव मदद देगी। उन्होंने सिद्धार्थ नाथ सिंह द्वारा लघु उद्योगों के विकास में दिये जा रहे योगदान की प्रसंशा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकल-वोकल और ग्लोबल की जो कल्पना की है, इस दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ओडीओपी के माध्यम से सतत् विकास की ओर अग्रसर है। गडकरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ना और चावल का बहुतायत उत्पादन होता है, इसको लीड उद्योग के रूप में लेना चाहिए।
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चीनी मिले में एथनॉल बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समम में आवश्यकता यह है कि जिस चीज का आयात होता है, उसमें कमी लाई जाय। इसके लिए आयात होने वाले उत्पादों का विकल्प तैयार किया जाय। इसमें केन्द्र सरकार पूर्ण सहयोग करेगी। उन्होंने एमएसएमई सेक्टर के लिए 57000 लाभार्थिंयों को 2002 करोड़ का ऋण दिये जाने की हार्दिक प्रशंसा भी की। उन्होंने चैम्बर्स के पदाधिकारियों से कहा कि उनकी जो भी मांगे है, उनको सिद्धार्थनाथ सिंह के माध्यम से उन्हें भेजा जाय। केन्द्र सरकार शीघ्र ही इस पर सकारात्मक निर्णय लेगी।
यूपी मिनिस्टर सिद्धार्थनाथ सिंह ने दी गडकरी को जानकारी
सिद्धार्थनाथ सिंह ने गडकरी को अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान पीपीई किट बनाने वाली 53 यूनिट का संचालन सुनिश्चित किया गया। ये इकाइयां प्रतिदिन 50 हजार की क्षमता से पीपीई किट तैयार कर रही है। इसके साथ ही अधिकांश शुगर मिलों द्वारा सेनेटाइजर बनाने का भी काम किया जा रहा है। इससे प्रदेश में इन उत्पादों की कोई कमी नहीं आने पायी है। लघु उद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि महामारी के समय घोषित किये गये 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज स्वागत योग्य कदम है।
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केन्द्र सरकार द्वारा एमएसएमई की परिभाषा को बदलने और इनके लिए तीन लाख करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने का जो कार्य किया गया है, वह अत्यन्त सराहनीय है। इससे प्रदेश की सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम इकाइयों को फिर से पटरी पर आने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि विदेशों से आयात की निर्भरता को कम करने के लिए ऐसे उद्योगों के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है, जिनका भारी मात्रा में प्रदेश में आयात होता रहा है।