Chandauli News: एसपी डॉक्टर अनिल कुमार ने किया कमाल, अपराधियों के ब्यौरा व लोकेशन अटैच करने में चंदौली बना नंबर वन

Chandauli News: यूपी पुलिस के त्रिनेत्र एप पर अपराधियों के नाम, पता और अपराध की पूरी जानकारी दर्ज की जाती है। मांगी गई जानकारी के साथ ही चंदौली पुलिस ने एप पर अपराधी के घर की आक्षांश और देशांतर रेखाओं को भी फाइल में अटैच कर दिया है।

Report :  Ashwani
Update:2024-01-16 19:59 IST

Chandauli News (Pic:Newstrack)

Chandauli News: चंदौली पुलिस ने प्रदेश में पहली बार अपराधियों की डिजिटल ब्यौरे में गूगल लोकेशन को भी अटैच किया है। यह कार्य पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार के कुशल नेतृत्व में किया गया। यूपी पुलिस के त्रिनेत्र एप पर अपराधियों के नाम, पता और अपराध की पूरी जानकारी दर्ज की जाती है। मांगी गई जानकारी के साथ ही चंदौली पुलिस ने एप पर अपराधी के घर की आक्षांश और देशांतर रेखाओं को भी फाइल में अटैच कर दिया है। साथ ही डेटा में अपराधी के घर की एक फोटो भी शामिल है। विभाग में अक्सर बदलाव होता है, लेकिन गूगल लोकेशन अटैच होने से कोई भी नया अधिकारी भी कुछ मिनटों में बिना किसी पूछताछ और दिक्कत के अपराधी के पास मोबाइल की मदद से पहुंच जाएगा। इससे समय की काफी बचत होगी।

यूपी पुलिस के महत्वपूर्ण एप त्रिनेत्र में अपराधियों का पूरा ब्यौरा दर्ज रहता है। इस एप का एक्सेस हर जिले के पुलिस अधिकारियों के पास है। कोई भी अपराधी गिरफ्तार होता है तो उसके नाम, फोटो, उम्र, पते और व्यवसाय के साथ ही परिवार के सदस्यों की जानकारियां एप पर अपलोड कर दी जाती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोबारा उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद त्रिनेत्र एप को और एडवांस बनाने के निर्देश दिए थे। अब एसटीएफ यूपी पुलिस के इस एप में कई नए फीचर्स जोड़कर इसे इंटरनेशनल लेवल का एप बनाने की तैयारी कर रही है।

इस दिशा में चंदौली पुलिस ने अगला कदम बढ़ाया है। अगस्त 2023 के बाद से पुलिस ने जिले के सभी अपराधियों का डेटा तैयार किया है। इसके साथ ही अपराधियों के घर के बाहर गूगल मैप के साथ एक तस्वीर भी खींची गई है। जिसे त्रिनेत्र एप पर अपलोड कर दिया गया है। देश के किसी भी कोने से उसपर क्लिक करने से पुलिस अधिकारियों को अपराधी का पूरा ब्योरा मिलने के साथ ही उसके घर का सीधा लोकेशन और तस्वीर भी मिल जाएगी। अगर चंदौली का कोई अपराधी किसी दूसरे राज्य में जाकर अपराध करता है तो वहां की पुलिस त्रिनेत्र से उसका ब्योरा निकाल लेती थी, लेकिन उसके घर तक पहुंचने के लिए काफी पूछताछ करनी पड़ती थी।

अब अपराधियों के घर का लोकेशन एप पर अपलोड होने से पुलिस को उसके घर तक पहुंचने में आसानी होगी। जिले में पुलिस के डेटा में शामिल अपराधी हमेशा मोबाइल बदलते रहते हैं। जिससे उन तक पहुंचने में पुलिस को दिक्कत होती है। इसके समाधान के लिए भी पुलिस अधिकारियों ने एक प्लान बनाया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अपराधियों के परिजन ज्यादातर मोबाइल नहीं बदलते। ऐसे में उनके मोबाइल फोन का ईएमआई नोट रहेगा।

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