दूध को तरस रहे बच्चे: इंतजामों के बाद भी नहीं पूरी हो रही जरूरतें

यूपी के जिला कन्नौज मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर स्थित तिर्वा कस्बे में स्थित महेंद्र नीलम जनता इंटर कॉलेज में अस्थाई आश्रय स्थल बना है। यहां कई लोगों को ठहराया गया है। कुछ लोगों के साथ नन्हे-मुन्ने भी हैं।

Update:2020-04-19 18:47 IST
दूध को तरस रहे बच्चे: इंतजामों के बाद भी नहीं पूरी हो रही जरूरतें

कन्नौज। बाहर से आने वालों को जिले के अस्थाई आश्रय स्थलों पर 14 दिनों के लिए रोका जा रहा है। यही हाल क्वारंटीन सेंटरों का भी है। भरपूर बजट व समाजसेवियों और व्यापारियों की ओर से की गई मदद के बाद भी बदइंतजामी हावी है। नौनिहालों को दूध मयस्सर नहीं हो पा रहा है। गोद में लिए अपने बच्चों का पेट भरने के लिए महिलाएं परेशान हैं।

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लोगों के साथ नन्हे-मुन्ने भी

यूपी के जिला कन्नौज मुख्यालय से करीब 16 किमी दूर स्थित तिर्वा कस्बे में स्थित महेंद्र नीलम जनता इंटर कॉलेज में अस्थाई आश्रय स्थल बना है। यहां कई लोगों को ठहराया गया है। कुछ लोगों के साथ नन्हे-मुन्ने भी हैं।

तहसील तिर्वा क्षेत्र के गांव उमरन निवासी श्याम बिहारी ने विकास भवन स्थित जिला स्तरीय कंट्रोल रूम में फोन कर कहा कि उनके भइया और भाभी महेंद्र नीलम कॉलेज में रुके हैं।

साथ में दो-दो छोटे-छोटे बच्चे भी हैं। दो दिन से दूध न मिलने की वजह से बच्चे खासे परेशान हैं। इसका समाधान करने के लिए भइया-भाभी को बच्चों के साथ गांव के ही क्वारंटीन सेंटर में रोक दिया जाए।

इससे दूध की समस्या हल हो जाएगी। कंट्रोल रूम ने शिकायत दर्ज करने के बाद प्रधान शबीना सिद्दीकी के पति जामिल सिद्दीकी को दूध की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

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मायके में बेटी की हालत बिगड़ी तो कर दिया फोन

शहर के मोहल्ला अलाउद्दीपुर निवासी एक परिवार में दिल्ली से अपने बेटी और दामाद को लेकर यहां आए। बताया गया है कि बेटी की तबियत बिगड़ गई। पड़ोसियों ने कंट्रोल रूम फोन कर दिया किया मायके वाले युवती को रख नहीं रहे हैं। उसे खांसी, बुखार आ रहा है। जांच कराई जाए।

सूचना मिलते ही पुलिस व स्वास्थ्य टीम घर पहुंची और इन लोगों को जांच के लिए अस्पताल ले गई। अब रिपोर्ट का इंतजार है, फिलहाल युवती को घर भेजने की बात कही गई है।

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माता-पिता मर गए, चार भाई-बहन हैं राशन भिजवा दो

कन्नौज से करीब 50 किमी दूर बसे तहसील छिबरामऊ के मोहल्ला चौधरियान निवासी चांदनी ने विकास भवन स्थित जिलास्तरीय कंट्रोल रूम में अपनी दिक्कत कही। कहा कि माता-पिता नहीं रहे हैं।

परिवार में अब दो भाई और इतने ही बहने हैं। लॉकडाउन की वजह से घर में दिक्कत है, राशन भेज दो। समस्या को निस्तारण के लिए तहसील प्रशासन को अवगत करा दिया गया है।

बंट रहा राशन, फिर भी है दिक्कत

जनपद में इन दिनों उचित दर विक्रेताओं के यहां एक यूनिट पर पांच किलो के हिसाब से फ्री का चावल बांटा जा रहा है। उससे पहले एक से 12 अप्रैल तक पात्र गृहस्थी के राशनकार्ड धारकों को सरकारी रेट में गेहूं व चावल दिया गया था।

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अन्त्योदय कार्डधारकों, मनरेगा जॉबकार्ड के सक्रिय मजदूर व पंजीकृत श्रमिकों को फ्री में राशन दिया गया था। इसके बाद भी राशन न देने की शिकायतें आ रही हैं। 15 से 26 अप्रैल तक सभी कार्डधारकों को फ्री में चावल दिया जा रहा है।

ब्लॉक सदर क्षेत्र के गांव रंगीयनपुर्वा की पिंकी ने कहा कि कोटेदार माया पांच किलो एक यूनिट वाला फ्री का चावल नहीं दे रही हैं। शहर के मोहल्ला काजीटोला की पूजा ने बताया कि राशनकार्ड नहीं है, उनको राशन दिलाया जाए।

ब्लॉक उमर्दा के पाला निवासी फूलन और ब्लॉक तालग्राम के गांव सीतापुर्वा के राघव ने भी राशन न देने की दिक्कत बताई है। नगर पंचायत तालग्राम के मोहल्ला गांधीनगर निवासी अलीजान ने भी राशन की गुहार लगाई है।

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रिपोर्ट- अजय मिश्रा

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