Meerut News: आवास विकास परिषद और किसानों का टकराव टला, आवंटियों की कब्जे की आस बढ़ी

Meerut News: जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में किसानों और आवास विकास परिषद के बीच कई साल से चल रहे विवाद को निपटाने के लिए क्षेत्रीय किसानों के साथ हुई आज परिषद के आला अफसरों की बैठक में किसानों ने कुछ शर्तों के साथ परिषद द्वारा आवंटित जमीन पर कब्जा देने की सहमति प्रदान कर दी।

Report :  Sushil Kumar
Update:2023-02-22 18:22 IST
File Photo of Farmers and Police in Meerut (Pic: Newstrack)

Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में आखिरकार किसानों और आवास विकास परिषद के बीच टकराव टलता दिख रहा है। जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में किसानों और आवास विकास परिषद के बीच कई साल से चल रहे विवाद को निपटाने के लिए क्षेत्रीय किसानों के साथ हुई आज परिषद के आला अफसरों की बैठक में किसानों ने कुछ शर्तों के साथ परिषद द्वारा आवंटित जमीन पर कब्जा देने की सहमति प्रदान कर दी। इस बैठक में परिषद के अधीक्षण अभियंता आवास विकास राजीव कुमार के अलावा एसीएम संजय कुमार व सीओ सिविल लाईन अरविन्द भी मौजूद रहे।

समझौते के तहत जागृति विहार एक्सटेंशन सैक्टर 5 व सैक्टर 2 में बने प्रधानमंत्री आवास को वाद मुक्त कर करने पर सहमति बनी व किसानों की अन्य मांग जो आवास विकास परिषद द्वारा लखनऊ मुख्यालय भेजी गयी हैं उनके निस्तारण तक बकाया जागृति विहार एक्सटेंशन पर किसानों का कब्जा बना रहेगा।

समझौते से टला विवाद

इससे पहले मेरठ के जागृति विहार एक्सटेंशन में कब्जा लेने की पूरी तैयारी के तहत आवास विकास परिषद अफसर भारी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे। वहीं, किसान उचित मुआवजे की मांग को लेकर लंबे समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में परिषद और किसानों के बीच टकराव के हालात बन रहे थे क्योंकि, किसान परिषद को अपनी मांग माने बिना कब्जा देने के तैयार नहीं थे। बहरहाल, आवास विकास परिषद और किसानों के बीत हुई इस समझौते के कारण पिछले दो सालों से भवनों प्लाटों पर कब्जे की लड़ाई लड़ रहे आवंटियों को इस फ़ैसले से बड़ी राहत मिली है ।

जिलाधिकारी को दिया धन्यवाद

आवंटी सुशील कुमार पटेल ने बताया कि आज लंबे संघर्ष के बाद अंततः पीड़ित आवंटियों को वास्तविक कब्जा प्राप्त हो गया है। इस प्रकरण में जिलाधिकारी दीपक मीणा  का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और जागृति विहार एक्सटेंशन के आवंटी इस वाद निस्तारण का श्रेय भी दीपक मीणा जी को ही देते हैं। सुशील कुमार पटेल ने बताया कि जल्द आवंटियों का प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी जी को इस निस्तारण के लिए उनका धन्यवाद देने जायेगा।

सुशील कुमार पटेल ने बताया कि कब्जे के बाद भी अभी तमाम विभागीय समस्याएं हैं जिसमे ब्याज किस्त पेनल्टी विलंब आदि को खत्म कराने की लड़ाई जारी रही। इस मौके पर नटवर लाल कर्दम, राजकुमार, संतराम, रजनी रानी, ऋषि पाल, दिवाकर द्विवेदी,प्रशांत अग्रवाल, संजय कुमार, आभास कौशिक, विकास कुमार, प्रवीन कुमार, योगेश राणा,संजय परमार, आर के वर्मा, अनिल, रविन्द्र, रामचरण सिंह, राधेश्याम गिरी, धर्मेंद्र कुमार, अर्जुन सिंह, सरिता, सुनीता आदि आवंटी उपस्थित रहे।

2010 में दी गई थी जमीन

जागृति विहार एक्सटेंशन योजना को विकसित करने के लिए साल 2010 से पहले सरायकाजी और काजीपुर में जमीन एक-एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर, कमालपुर में 800 रुपये, घोसीपुर की 600 रुपये प्रति वर्ग मीटर दर से जमीन ली गई थी। जून 2014 को 228वीं बोर्ड बैठक में सभी ग्रामों की किसानों को 100 रुपये बढ़ाते हुए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से किसानों ने भी बढ़ी हुई राशि के हिसाब से मुआवजे की मांग शुरू कर दी थी।

किसान 13 जुलाई 2021 से धरने पर बैठे हुए थे। जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में किसानों के विरोध के चलते 600 करोड़ के विकास कार्य अटके हुए हैं। वहीं 400 से अधिक ऐसे आवंटी हैं जिन पर दोहरी मार पड़ रही है। बैंक लोन की जहां उन्हें किश्त चुकानी पड़ रही है तो वहीं किराये पर रहने को मजबूर हैं। कई बार आवास विकास परिषद ने जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में जमीन कब्जा मुक्त कराने की कोशिश भी की लेकिन,किसानों के भारी विरोध के चलते परिषद अफसरों को अपने पैर पीछे खींचने पड़े।

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