Coronavirus: बस्ती में बिना सैंपल लिए ही हो रहा टेस्ट, DM ने दिए कार्रवाई के आदेश

Coronavirus: बस्ती में बिना सैंपल लिए ही आरटीपीसीआर जांच किट पैक कर दिया जा रहा है। अब डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं।

Reporter :  Amril Lal
Published By :  Shreya
Update: 2021-06-02 02:49 GMT

बस्ती डीएम सौम्या अग्रवाल-जांच करता कर्मचारी (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Coronavirus: देश में इस वक्त कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप बरकरार है। कोविड-19 के नए मामलों में कमी देखी जा रही है, लेकिन सरकार अभी किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। ऐसे में केंद्र समेत राज्य सरकारें वक्त वक्त पर कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सख्ती करती नजर आ रही हैं।

उत्तर प्रदेश में भी कोरोना के मामलों में कमी देखी जा रही है। हालांकि सरकार अभी भी वैक्सीनेशन और टेस्टिंग पर जोर दे रही है। इस बीच यूपी के बस्ती जिले से एक स्वास्थ्य विभाग की टीम की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुआ है। मामले प्रकाश में आने के बाद जिलाधिकारी ने मामले में जांच के निर्देश दिए हैं।

बिना सैंपल लिए ही किट पैक कर दे रहे स्वास्थ्यकर्मी

दरअसल, बस्ती जिले के महरीपुर गांव में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बिना सैंपल लिए आरटीपीसीआर जांच किट पैक करने का मामला सामने आया है। यानी यहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीम अपना टारगेट पूरा करने के लिए लोगों की कोरोना जांच किए बिना ही कोरोना जांच कार्ड को तोड़ का रख ले रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों की कोरोना जांच भी नहीं हो रही और जांच किट भी खराब हो रही है। 

जांच के लिए गांव पहुंची मेडिकल टीम (फाइल फोटो साभार- सोशल मीडिया)

वायरल वीडियो से सामने आई सच्चाई

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह स्वास्थ्यकर्मी लोगों का नाम, पता उम्र और अन्य विवरण भरकर बिना जांच के ही आरटी पीसीआर टेस्ट की स्टिक की पैकिंग फाड़कर, उसे सीधे बीटीएम में पैक कर दे रहे हैं। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि उनका किसी तरह का सैंपल नहीं लिया गया है। ऐसे में न तो संक्रमित लोगों को यह पता चल पाएगा कि वो कोरोना की जद में हैं और न ही उन्हें समय पर इलाज मिल सकेगा। इसके अलावा टेस्ट किट की भी बर्बादी हो रही है। ये मामला सोमवार का बताया जा रहा है।

मामले में जिलाधिकारी ने दिए जांच के निर्देश

वहीं इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद जिला प्रशासन एक्टिव हो गया है। मंगलवार को बस्ती की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने इस मामले में दोषी पाए जाने पर कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि वीडियो देखा गया है। सीएमओ बस्ती को इस मामले की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। बकौल डीएम जांच में अगर कोई कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो फिर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि वीडियो में जो लोग नजर आ रहे हैं, उनकी पहचान एलटी पद पर तैनात नितेश और वार्ड बॉय हसन के रूप में हुई है। डीएम ने इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया है। ये दोनों ही कर्मचारी संविदा पर तैनात हैं। इनकी संविदा समाप्त करने की भी प्रक्रिया डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने शुरू कर दी है।

योगी सरकार का दावा फेल

ऐसे में जहां योगी सरकार दावा कर रही है कि हमारे स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर जांच कर रहे हैं और कोरोना जैसी महामारी बीमारी को रोकने में सहयोग कर रहे हैं। कहीं ना कहीं उनका दावा पूरी तरह बस्ती जिले में उन्हीं के कर्मचारियों की लापरवाही से फेल नजर आ रहा है।

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब इस तरह का मामला सामने आया हो। इससे पहले भी कई बार फर्जी जांच की शिकायतें प्रशासन को मिलती रही हैं। जहां पर नाम, पता गलत भरकर रिपोर्ट नेगेटिव दे दी जाती।

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