Up News: प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा भ्रष्टाचार, अपात्रों को पात्र बनाकर मकानों की बंदरबांट
UP News: ग्रामीणों से शिकायत मिलने के बाद सीडीओ मामले की निगरानी कर रही हैं। अनियमितता में शामिल अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। CDO ने इस योजना से जुड़ी करीब 77 लाख की धन निकासी पर रोक लगा दी है।
UP News: कानपुर देहात में मुफलिस गरीब लोगां को मिलने वाले प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। यहां ग्राम पंचायत सचिव और प्रधान ने एडीओ पंचायत से मिलकर पीएम आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojna) के 294 आवासों में से 167 आवास अपात्र लोगों को आवंटित कर दिए। इस बात का खुलासा कानपुर देहात के मुख्य विकास अधिकारी की जांच में हुआ है।
कार्रवाई की लटकी कार्रवाई की तलवार
सीडीओ की जांच के बाद जो खुलासा हुआ वो बेहद चौकाने वाला है। अनियमितता सामने आने के बाद सीडीओ ने भ्रष्टाचार की संलिप्तता को देखते हुए करीब 77 लाख रुपए की निकासी पर रोक लगा दी है। साथ ही एडीओ पंचायत, प्रधान और सचिव पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
ये था पूरा मामला
कानपुर देहात के अमरौधा ग्राम पंचायत के सट्टी गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना में 294 आवास आए थे। ग्राम पंचायत सचिव और प्रधान ने एडीओ पंचायत के साथ मिलकर 294 आवासों का आवंटन कर दिया। ये आवास गरीबां के हक के थे, जिन लोगों के पास सिर छिपाने के लिए छत नहीं थी, जिनके मकान कच्ची मिट्टी के बने थे और जो हकीकत में आवास के हकदार थे। ये आवास उन्हें मिलने थे लेकिन आरोप है कि ग्राम पंचायत सचिव और प्रधान ने एडीओ पंचायत के साथ मिलकर अनियमितता की। पात्रों को मिलने वाले आवास अपात्रों को आवंटित कर दिए गए। चार बार जांच होने के बाद कुछ लोगां के नाम लिस्ट में आ गए लेकिन ज्यादातर पात्र लोगों के नाम गायब हो गए। जो अपने कागज लेकर सीडीओ दफ्तर पहुंचे। जिसके बाद ये अनियमितता उजागर हुई।
प्रधान ने कहा- पांच साल तक गांव में नहीं आई पीएम आवास की सूची
कानपुर देहात के सट्टी गांव के प्रधान बताते हैं कि पिछले पांच सालों से उनके गांव में पीएम आवास नहीं आए। ज़ब आए तो अपात्रों को आवंटित कर दिए गए। कुछ लाभार्थियों के नाम भी लिस्ट में आए। जांचे हुईं और आखिर में पात्रों के नाम लिस्ट से काट दिए गए। जिसकी शिकायत डीएम और सीडीओ से की गई।
सीडीओ ने की कार्रवाई
कानपुर देहात की मुख्य विकास अधिकारी एन लक्ष्मी ने जांच कराई तो खुलासा हुआ कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मिलने वाले 294 आवासों मे 167 आवास भ्रष्टाचार के चलते अपात्रों को आवंटित कर दिए गए। इससे नाराज़ मुख्य विकास अधिकारी ने योजना से जुड़ी करीब 77 लाख रुपए की निकासी पर रोक लगा दी है। साथ ही भ्रष्टाचार में संलिप्त एडीओ पंचायत, प्रधान और सचिव पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।