देव दीपावली की भव्यता पर लग सकता है ग्रहण, जिला प्रशासन ने डाला अड़ंगा

धर्म नगरी काशी में देव दीपावली की भव्यता पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। असंख्य दीपों से जगमग घाटों की सजावट को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं, लेकिन इस बार ये रंग फीका पड़ सकता है। जिला प्रशासन के एक आदेश ने दशाश्वमेध और शीतला घाट पर गंगा आरती के आयोजकों को नाराज कर दिया।

Update: 2019-11-07 17:34 GMT

वाराणसी: धर्म नगरी काशी में देव दीपावली की भव्यता पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। असंख्य दीपों से जगमग घाटों की सजावट को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं, लेकिन इस बार ये रंग फीका पड़ सकता है। जिला प्रशासन के एक आदेश ने दशाश्वमेध और शीतला घाट पर गंगा आरती के आयोजकों को नाराज कर दिया। आयोजकों ने साफ कह दिया है कि अगर जिला प्रशासन अपना फैसला नहीं बदलता है तो कार्यक्रम से दूरी बना सकते हैं।

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गंगा में छोटा होगा मंच

दरअसल जिला प्रशासन की ओर से आयोजन समितियों को गंगा में छोटा मंच बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत जिला प्रशासन गंगा में इस बार सिर्फ 3 पीपा उपलब्ध कराने का फैसला किया हैं। गंगा सेवा निधि ने इस फैसले पर एतराज जताया है। इसके बाद आयोजन पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। समिति शुक्रवार को अपना अंतिम फैसला सुनाएगी। बताया जा रहा है जिला प्रशासन की ओर आयोजन समितियों को पहले 8 पीपा उपलब्ध कराया जाता था। पिछले साल ये संख्या 6 कर दी गई, और इस बार 3 कर दी गई है।

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सुरक्षा कारणों का दिया गया हवाला

जिला प्रशासन ने अपने इस कदम के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। बताया जा रहा है बड़ा मंच होने के चलते गंगा में भीड़ बढ़ जाती है, जिसे संभाल पाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। दूसरी ओर आयोजन समितियों का कहना है कि मंच को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। ऐसे में अंतिम समय पर इस तरह का फरमान जारी करना न्यायसंगत नहीं है।

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आपको बता दें कि गंगा सेवा निधि और गंगोत्री सेवा निधि की ओर से देव दीपावली पर महाआरती का आयोजन कराया जाता है। जिसमे शिरकत करने के लिए हजारों का हुजूम उमड़ता है।

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