लखनऊ : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कैंसर के एक मरीज की मौत की जांच करने के आदेश महानिदेशक (डीजी), चिकित्सा व स्वास्थ्य को दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि डीजी मामले की जांच कर पता लगाएं कि मरीज की मौत के क्या कारण थे और क्या सरकारी मशीनरी ने उसे निःशुल्क उपचार का लाभ देने में चूक की है।
जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस आरएस चैहान की बेंच ने यह आदेश सीतापुर की कांती देवी की याचिका पर दिया। याचिका में मुआवजे की मांग की गई है। याची की ओर से कहा गया है कि कई प्रार्थना पत्र देने के बावजूद उसके 24 वर्षीय बेटे को असाध्य रोगों के निःशुल्क उपचार हेतू नियमावली व मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा कोष के तहत मिलने वाला लाभ नहीं दिया गया। पर्याप्त इलाज न मिलने के कारण याची के बेटे की मृत्यु हो गई। यह भी कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय के पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति बनाम पश्चिम बंगाल राज्य के मामले का उद्धरण देते हुए, तर्क दिया गया कि याची मुआवजे की हकदार है।
याचिका पर सुनवाई करने के उपरांत कोर्ट ने डीजी, चिकित्सा व स्वास्थ्य को याची के बेटे की मौत के कारण की जांच करने का आदेश दिया। साथ ही न्यायालय ने डीजी को इस तथ्य की भी जांच करने को कहा है कि क्या सरकारी मशीनरी से निःशुल्क उपचार का लाभ मुहैया कराने में चूक हुई है। डीजी को जांच रिपोर्ट छह सप्ताह में सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी।