लॉक डाउन: महिलायें निकलीं घर से बाहर, कहा- भगवान ने बुलाया इसलिए आये हैं

पुलिस प्रशासन पर ही लॉक डाउन के उल्लंघन का ठीकरा फोड़ दिया जाता है। लेकिन आज ऐसा नही है। क्योंकि पति की दीर्घायु के लिए पूजा करने के लिए आने वाली महिलाओं को बरगद के इर्द-गिर्द सिर्फ और सिर्फ पुलिस बल मिला।

Update: 2020-05-22 09:10 GMT

आसिफ अली

शाहजहांपुर: कोरोना महामारी से बचने के लिए को जागरूक करने में सरकार ने कोई कसार नहीं छोड़ी है। इस महामारी का दंश पूरी दुनियां झेल रही है। खास बात ये है कि टीवी चैनल से लेकर न्यूज पेपर डिजीटल मीडिया पर भी कोरोना महामारी से जुड़ी ख़बरें सबसे ज्यादा होती है। लेकिन उसके बाद भी कुछ ऐसे लोग है जो इस महामारी को अनदेखी कर लॉक डाउन की जमकर धज्जियाँ उड़ा रहे हैं।

पुलिस प्रशासन पर ही लॉक डाउन के उल्लंघन का ठीकरा फोड़ दिया जाता है। लेकिन आज ऐसा नही है। क्योंकि पति की दीर्घायु के लिए पूजा करने के लिए आने वाली महिलाओं को बरगद के इर्द-गिर्द सिर्फ और सिर्फ पुलिस बल मिला। कुछ पुलिसकर्मियों ने बुरा भला कहकर महिलाओं को वापस भेज दिया तो कुछ पुलिसकर्मियों ने समझाकर वापस लौटाया। लेकिन समझना ये है कि इस भयंकर कोरोना महामारी में पुलिस के डर के कारण हमे बाहर नही निकलना है बल्कि दूसरों को बचाने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए हमे घर के अंदर ही रहना है।

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दरअसल, आज सुबह से ही सुहागन महिलाएँ सज धजकर अकेली या फिर अपने पति के साथ वट सावित्री व्रत की पूजा करने के लिए मंदिरों और बरगद के पेड़ के पास पहुंचने लगी थी। मंदिरों और बरगद के पास भीड़ भी लगना शुरू हो गई। महिलाएं अपने पति के लिए दीर्घायु होने के लिए पूजा करने के लिए आ रही थी। कुछ ऐसी महिलाएं थी जो रात के अंधेरे मे ही अपने पति की दीर्घायु की पूजा करके अपने घरों को जा चुकी थी। लेकिन पुलिस प्रशासन रात में सतर्क नही हुआ था।

लेकिन दिन का उजाला होती ही जब महिलाएँ मंदिरों के पास पहुची तो वहां पर उनको बरगद के इर्द-गिर्द सिर्फ पुलिस बल मिला। कुछ पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को समझाकर घर भेज दिया। तो कुछ पुलिसकर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। क्योंकि कुछ महिलाएँ पूजा करने पर अङ गई और महिला पुलिसकर्मियों ने सख्ती दिखाई और मीडियाकर्मियों का कैमरा देखकर पूजा करने वाली महिलाएँ मौके से खिसक गई ।

सभी धार्मिक स्थल बंद हैं

जनपद में 10 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। उसके बाद भी महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु की पूजा करने के लिए लॉक डाउन का उल्लंघन कर मंदिरों और बरगद के पास पहुच रही है। ऐसे पति पत्नी पहुंचे तो newstrack.com ने उनसे कई सवाल किये। पति ने कहा प्रशासन पूजा करने नही दे रहा है। सुबह सात बजे के बाद तो छूट है। लेकिन इन महाशय को नही पता कि सभी धार्मिक स्थल बंद है। दूसरा सवाल करने पर पति बोले कि मस्जिदों मे नमाज भी तो हो रही है। जब पत्नी से पूछा कि आखिर लॉक डाउन में पति घर से बाहर आने पर रोका नही? जवाब था कि सभी लोग पूजा करने के लिए आ रहे थे। हमे पता चला कि पूजा हो रही है। इसलिये हम आ गए। वरना अभी तक तो हम घर मे ही पूजा कर रहे थे।

दो महिलाएं पूजा करके मंदिर से बाहर निकली। उनसे जब newstrack.com ने पूछा कि लॉक डाउन में मंदिरों में पूजा पाठ करने के लिए मना किया गया तो क्यों आए है? जवाब मिला कि थोड़ा दूर से ही खड़े होकर पूजा करके वापस हो जाएंगे। दूरी बनाकर पूजा करके अब वापस घर जा रहे है । तभी बुजुर्ग महिला बोली कि पति परमेश्वर होता है। पति की दीर्घायु की पूजा करने के लिए आए है। यहां भगवान ने बुलाया है इसिलिये आए है।

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लेकिन यहां पर सवाल सबसे ज्यादा जनता पर ही उठ रहा है। जब कोरोना महामारी से बचने के लिए सरकार ने साफ कर दिया है। इसकी सिर्फ एक ही दवा है घर मे रहिए और सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखिये। इसी का पालन पुलिस प्रशासन कराने की कोशिश भी कर रहा है। लेकिन जनता है कि उलंघन करने पर ही उतर आई है।

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