कोरोना काल में यहां स्वास्थ्य महकमे की खुली पोल, सामने आई संवेदनहीनता

जिस प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के जिला अस्पताल का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे एक मरीज इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचा है और जिन डॉक्टरों को उसका इलाज करना चाहिए था वही डॉक्टर करीब 3 घण्टो तक गंभीर मरीज को भर्ती तक नही लिए। इस वीडियो में स्वास्थ्य महकमे की संवेदनहीनता देखने को मिल रही है।

Update:2020-06-09 19:22 IST

सिद्धार्थनगर: एक तरफ जहां इस कोरोना महामारी में स्वास्थ्य महकमे के लोग देवदूत की भूमिका में नजर आ रहे है। वहीं इसी महकमे की एक ऐसी वीडियो वायरल हो रही है जिसे देखकर हर कोई ये कहने को मजबूर हो जाएगा कि क्या ये वही डॉक्टर है जिसे लोग भगवान का रूप मानते है।

जिस प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के जिला अस्पताल का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे एक मरीज इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचा है और जिन डॉक्टरों को उसका इलाज करना चाहिए था वही डॉक्टर करीब 3 घण्टो तक गंभीर मरीज को भर्ती तक नही लिए। इस वीडियो में स्वास्थ्य महकमे की संवेदनहीनता देखने को मिल रही है। ये वीडियो प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजा जय प्रताप सिंह के गृह जनपद के जिला अस्पताल का है ऐसे में एक सवाल ये भी है कि आखिर जब ये हाल स्वास्थ्य मंत्री के जिले के अस्पताल का है तो प्रदेश के अन्य जगहों का क्या हाल होगा क्या ऐसे ही कोरोना से निपटेंगे हम?

राजन ने सरकार और स्वास्थ्य मंत्री की दुहाई भी दी

सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज तहसील के रीवा गांव निवासी रामू जिसकी उम्र 20 साल बतायी जा रही है।उसकी तबियत खराब हुई उसे लेकर सोमवार देर शाम उसका भाई जिला अस्पताल पहुंचा जहाँ सुधि लेने वाला कोई नही मिला। इसकी जानकारी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राजन द्विवेदी को मिली। राजन ने सरकार और स्वास्थ्य मंत्री की दुहाई भी दी लेकिन फिर भी डॉक्टरों ने रामू को भर्ती नही किया।3घण्टो तक जब जब रामू को भर्ती नही किया गया तो खुद अस्पताल पहुंच कर राजन ने सीएमओ को फिर फोन किया।

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लेकिन जिला सीएमओ साहिबा मीटिंग करने में व्यस्त रही। और इलाज के लिए रामू अस्पताल पहुंचने के बाद भी उसे समय से इलाज नही मिल सका।रामू 4 महीने पहले मुम्बई से आया था इसका इलाज भी तबियत खराब होने के बाद चल रहा था लेकिन कल जब इसका सास फूलने लगा तो उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया लेकिन यह मौजूद डॉक्टरों ने संवेदना को तार तार कर दिया जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मरीज अस्पताल के बेंच पर बैठा है और इलाज के लिए परेशान है।

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सीएमओ को इलाज के लिए फोन करने वाला युवक ने बताया

मरीज के मदद गार राजन के अनुसार बड़ी लापरवाही हुई है करीब 3घण्टो तक मरीज का इलाज नही किया गया है और अब उसकी मौत हो चुकी है।जिला अस्पताल मे घोर लापरवाही बरती गयीं है।मेरे फोन करने व खुद जिला अस्पताल में पहुंचने तक भी इस गंभीर मरीज का इलाज नही किया गया। जब सीएमओ अस्पताल में घण्टो बाद पहुंची तो इस मरीज की सांस फूल रही थी और ऑक्सीजन की जरूरत थी अस्पताल में जिस कमरे में ऑक्सीजन रखा था वहाँ ताला बंद था।देर पर देर किया गया बाद में सीएमओ ने अपने कही और से ऑक्सीजन की व्यवस्था करायी और स्ट्रेक्चर पर ही गम्भीर मरीज को ऑक्सीजन लगाकर छोड़ दिया गया।मरीज को अस्पताल लेकर आने वाले एम्बुलेंस कर्मियों ने भी बड़ी लापरवाही की है।

मरीज को गोरखपुर के लिए रेफर किया गया जिसकी रास्ते में ही मौत की सूचना मिली।वही इस मामले में जिले की सीएमओ सीमा राय ने बताया कि उन्हें फोन पर जानकरी मिली थी तब वो डी0एम की मीटिंग में थी।मीटिंग से ही उन्होंने मरीज के लिए कहा था सीएमओ का कहना है की डी0एम0 ने भी अस्पताल में फोन किया था।मीटिंग खत्म होने के बाद जब वो जिला अस्पताल पहुंची तबतक भी मरीज बाहर ही तड़प रहा था।उन्होंने ऑक्सीजन की व्यवस्था कराकर इलाज शुरू कराया मरीज का सास फूल रहा था।कुछ देर बाद उसे इलाज के लिए गोरखपुर रेफर किया गया रेफर करने के एक घण्टे बाद सूचना मिली कि उसकी मौत हो गयी है।उसका सैम्पल लेकर जांच के लिये भेजा गया है।सीएमओ ने इसे बड़ी लापरवाही बताया है।

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जिस तरह जिले में एक सास फूलने के मरीज का घण्टो इलाज नही किया गया और अब उसकी मौत हो चुकी है।ऐसे में आखिर कोरोना के पॉजिटिव मरीजो इलाज स्वास्थ्य मंत्री के जिले के डॉक्टर कैसे करेंगे जब कोरोना का सिर्फ एक लक्षण होने साँस फूलना होने वाले मरीज के साथ ऐसा वर्ताव किया गया है।

जबकि ये मृतक रामू की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कन्फर्म होगा कि वो कोरोना पेशेंट था या नही।फिरहाल कुछ भी ऐसी तस्वीरें प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे पर सवाल खड़ा करती है वो इसलिए भी कि पूरा वाकया प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के जिले के जिला अस्पताल का है और खुद कैमरे पर सीएमओ इसे बड़ी लापरवाही भी मान रही है।ऐसे में देखना होगा कि अब जब इस लापरवाही के कारण एक युवक की मौत हो चुकी है तो क्या इसके दोषियों के खिलाफ कार्यवाही भी होगी या बस ऐसे ही चलता रहेंगा।

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