एक्शन में रायबरेली की डीएम! 34 लेखपालों को किया सस्पेंड, जानें पूरा मामला
प्रदेश भर में लेखपाल पिछले कुछ दिनो से मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही है। आम आदमी परेशान है। जिसे देखते हुए कल ही शासन स्तर पर गाइड लाइन जारी कर लेखपालों को काम वापसी का अल्टीमेटम दिया गया था।
रायबरेली: डीएम शुभ्रा सक्सेना ने बुधवार को बड़ा एक्शन लिया है। जिले की सभी तहसीलों के लेखपाल संघ के चार दर्जन पदाधिकारीयों को डीएम के आदेश पर निलंबित किया गया है। ये सभी नोटिस मिलने के बाद भी हड़ताल पर थे। वही डीएम ने पब्लिक कार्यों की देखरेख के लिए 34 कानूनगो को लगाया है। जिला प्रशासन की इस बड़ी कार्यवाही के बाद हड़कम्प मच गया है।
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लेखपालों को काम वापसी का अल्टीमेटम दिया गया था
ग़ौरतलब है कि प्रदेश भर में लेखपाल पिछले कुछ दिनो से मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके चलते सरकारी कार्यों में बाधाएं आ रही है। आम आदमी परेशान है। जिसे देखते हुए कल ही शासन स्तर पर गाइड लाइन जारी कर लेखपालों को काम वापसी का अल्टीमेटम दिया गया था। बावजूद इसके लेखपाल चौबीस घंटे बाद भी काम पर नहीं लौटे।
इस पर आज रायबरेली डीएम ने लेखपाल संघ के जिला अध्यक्ष सहित तहसीलों के लेखपाल संघ के अध्यक्ष को निलंबित करने का आदेश दिया। ये सभी प्रशासनिक नोटिस मिलने के बाद भी हड़ताल कर रहे थे। डीएम ने 110 लेखपालों की सर्विस ब्रेक के साथ नो वर्क नो पे की नीति भी लागू किया है।
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नोटिस जारी होने के बाद 18 अन्य लेखपाल भी कार्य पर लौटे थे
डीएम ने बताया कि पहली नोटिस 16 दिसम्बर को जारी हुई जिसमें 17 लेखपाल काम पर वापस लौट आए। वही कल यानी मंगलवार को दूसरी नोटिस जारी होने के बाद 18 अन्य लेखपाल भी कार्य पर लौटे थे। कुल मिलाकर 35 लेखपाल काम पर आए हैं, इसके अलावा 310 लेखपाल अब भी नहीं लौटे।
जिनमें 34 को निलंबित किया है। ये लेखपाल वो हैं जो जिले से लेकर तहसील स्तर तक संघ के पदाधिकारी हैं। इनमें सदर तहसील के 7, लालगंज तहसील के 8, महराजगंज के 8, सलोन के 6, डलमऊ के 2 और ऊंचाहार के 3 लेखपाल शामिल हैं।