कफील बने हथियार: राजनीतिक पार्टियां कर रही इस्तेमाल, निशाना बनी योगी सरकार
डॉक्टर कफील खान इन दिनों काफी चर्चा का विषय बन रहे है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को तो अभी डेढ़ साल बचे हैं, लेकिन तब भी सियासी रंगमंच अभी से शुरू हो गया है। डॉ. कफील खान सूबे के मुस्लिम समुदाय के बेहद लोकप्रिय हो गये हैं।
नई दिल्ली। डॉक्टर कफील खान इन दिनों काफी चर्चा का विषय बन रहे है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव को तो अभी डेढ़ साल बचे हैं, लेकिन तब भी सियासी रंगमंच अभी से शुरू हो गया है। डॉ. कफील खान सूबे के मुस्लिम समुदाय के बेहद लोकप्रिय हो गये हैं। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां भी डॉ. कफील के लेकर बहुत उत्सुक दिखाई दे रही हैं। इन राजनीतिक पार्टियों की दौड़ में समाजवादी पार्टी से आगे कांग्रेस निकलती दिखाई दे रही है।
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प्रियंका गांधी की सलाह पर राजस्थान गए
ऐसे में डॉ. कफील खान के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर मथुरा जेल से वापस आने के बाद कांग्रेस पार्टी और उनके नेता काफी उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। पर इन सब के चलते डॉ. कफील राजनीति का दरवाजा अभी खोलने को तैयार नहीं है। उन्होंने जयपुर में गुरुवार को प्रेस कॉन्फेंस के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ-साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का भी धन्यवाद भी अदा किया था।
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बता दें, मथुरा जेल से रिहाई के बाद डॉ. कफील को जयपुर तक ले जाने का काम कांग्रेस नेताओं ने किया है। इसके साथ ही डॉ. कफील कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के संपर्क में हैं। और प्रियंका गांधी की सलाह पर ही कफील राजस्थान गए हैं, जहां कांग्रेस सरकार है। इस बात को कफील खान खुद भी माना भी है कि प्रियंका गांधी ने उनकी मदद की है और उनके कहने पर जयपुर आए हैं।
डॉ. कफील कहते हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए हम यहां सुरक्षित रह सकते हैं। हमारे परिवार को भी ऐसा ही लग रहा है, क्योंकि यूपी जाएंगे तो कोई न कोई केस लगाकर फिर हमें जेल में डाल दिया जाएगा।
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फैसला कफील खान को करना
ऐसे में कांग्रेस के पूर्व विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर ने कहा, 'मैं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर कफील खान के मामले को लेकर मथुरा और अलीगढ़ के जिला प्रशासन के साथ नियमित रूप से संपर्क में था।
आगे उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद रिहाई की सारी औपचारिकता पूरी करने के बाद कफील खान रात करीब 12 बजे जेल से बाहर आए और फिर गुरुवार को राजस्थान की सीमा तक पहुंचाने का काम हमने किया है। कांग्रेस में आते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे, लेकिन इसका फैसला कफील खान को करना है।
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