Asad Ahmed Encounter News: माफिया के बेटे के एनकाउंटर से झांसी में हड़कंप, घटनास्थल पर अफसरों और लोगों की लगी भीड़

Asad Ahmed Encounter News: एसटीएफ ने उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद व उसके साथी गुलाम को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही अफसर मौके पर पहुंच गए।

Update:2023-04-13 21:20 IST
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद के एनकाउंटर के बाद घटनास्थल अफसरों की लगी भीड़: Photo- Social Media

Umesh Pal Murder Case: झांसी के चिरगांव थाना क्षेत्र में स्थित पारीछा डैम के पास एसटीएफ ने उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद व उसके साथी गुलाम को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। दोनों उमेश पाल हत्याकांड में वांछित थे। इन पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। इस दोनों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार भी बरामद किए गए।

दिल्ली से लौटकर एमपी बॉर्डर पर बना रखा था ठिकाना

जानकारी के मुताबिक प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद असद व गुलाम अहमद यूपी से भागकर दिल्ली पहुंच गए थे। वहां पर वह ज्यादा दिन अपना ठिकाना नहीं बना सके। इसके बाद वह लोग दिल्ली से भागने के बाद यूपी बॉर्डर के पास स्थित एमपी में डेरा बनाए हुए थे। एसटीएफ दोनों को ट्रेस कर रही थी। तभी असद और गुलाम का चिरगांव थाना क्षेत्र में स्थित पारीछा डैम के पास एसटीएफ से सामना हो गया। उन्होंने विदेशी पिस्टल से एसटीएफ पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें दोनों मुठभेड़ के दौरान मार गिराए गए।

एनकाउंटर की जगह पर आलाधिकारियों का लगा तांता

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेंद्र कुमार, एसएसपी राजेश एस., एसपी सिटी ज्ञानेंद्र कुमार, एसपी देहात गोपीनाथ सोनी आदि अफसर मौके पर पहुंच गए। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उमेश पाल की हत्या को अंजाम देने के बाद से यह दोनों लगातार पुलिस से बचने की फिराक में लोकेशन बदल रहे थे। पहले ये लोग कानपुर गए थे, वहां से बस से नोएडा गए और दिल्ली में दाखिल हो गए। यह दोनों लोग 15 दिन पहले दिल्ली में पनाह लेने के बाद वहां से भाग निकले थे। दिल्ली में पकड़े गए असलहा तस्कर और ड्राइवर से मिले सुराग के आधार पर डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार की टीम ने दोनों का पीछा किया।
चिरगांव थाना क्षेत्र में हुए ट्रेस

पुलिस और एसटीएफ लगातार इन दोनों ट्रेस कर रही थी। चिरगांव थाना क्षेत्र में इनकी लोकेशन ट्रेस हुई और दोनों तरफ से फायरिंग हुई। जिसमें दोतरफा फायरिंग के बाद दोनों ढेर कर दिए गए।

उमेश पाल के शूटरों को देखने लग गई भीड़

जैसे ही लोगों को जानकारी मिली कि उमेश पाल के शूटरों को एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया तो वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों का कहना है कि इस तरह के शूटरों को मार गिराने से जनता ने काफी राहत की सांस ली है। इसके अलावा भाजपा नेता भी वहां पहुंच गए। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का धन्यवाद दिया। कहा कि पुलिस ने अपना फर्ज अदा किया है। यह लोग इतने दिन से पुलिस से बचने का प्रयास कर रहे थे। पुलिस ने उनको अंजाम तक पहुंचा दिया है। लोगों का कहना था कि माफिया के एनकाउंटर से जनता को बहुत सुकून मिला है।

असद हर वक्त रखता था दो-तीन पिस्टलें अपने पास

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों ने दिल्ली में भी कई दिनों तक पनाह ली थी। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद अहमद व शूटर गुलाम को दिल्ली में एनकाउंटर होने का डर सताता रहा था। यही वजह थी कि असद हमेशा तीन से चार हथियारों के साथ रहता था। सोते समय भी वह हथियार अपने पास रखता था। वह अपनी कमर में हमेशा दो से तीन पिस्टलें लगाए रहता था। अपनी फरारी के दौरान एक बार असद दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आने से मामूली फासले से बच गया था। उसके ठिकाने पर स्पेशल टीम दो दिन बाद संगम विहार पहुंची थी। इसके पहले असद व गुलाम वहां से फरार हो चुके थे।
ड्राइवर ने की थी संगम विहार में ठहरने की व्यवस्था

माफिया डॉन अतीक अहमद के पूर्व ड्राइवर शफीक ने असद के दिल्ली ठहरने की व्यवस्था की थी। उसने असद को अपने जानने वाले जीशान, खालिद व जावेद के पास दिल्ली भेजा था। बताया जा रहा है कि ये लोग यूपी से बस से दिल्ली पहुंचे थे। बस अड्डे से ये ऑटो से संगम बिहार गए थे। इन मददगारों से पुलिस ने पूछताछ की थी। मददगारों ने बताया कि उन्होंने शफीक के कहने पर असद को अपने घर में पनाह दी थी। असद तीनों के घर में रुका था और दो दिन बाद वह घर बदल देता था। संगम विहार में रहने के दौरान किसी पड़ोसी ने आरोपियों को पहचाना नहीं था।

घर के भीतर ही बिताए थे ज्यादातर दिन

पुलिस सूत्रों के मुताबिक माफिया डॉन का बेटा व शूटर दिल्ली में 15 दिन की पनाह के दौरान घर में ही रहे थे। कभी कभार ये संगम विहार में ही घूमने निकल जाते थे। दोनों आरोपी घूमने के लिए कभी संगम बिहार से बाहर नहीं गए थे। ये दोनों उमेश पाल की हत्या के बाद ही दिल्ली आ गए थे। असद ने अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया। वह मददगारों के फोन से ही यूपी में कई जगह बात करता था। जावेद भी हथियार रखता था। असद व शूटर ज्यादातर जावेद के घर रहे थे। उनके मददगार भी संगम विहार के आसपास ही रहते थे।

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