ऊर्जा मंत्री ने दिया आश्वासन! बिजली कर्मियों का आंदोलन स्थगित

यूपी पावर कार्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले के विरोध में लगातार चल रहे कार्य बहिष्कार आंदोलन को बिजली कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की अपील पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने

Update:2019-11-23 21:25 IST

लखनऊ: यूपी पावर कार्पोरेशन में हुए पीएफ घोटाले के विरोध में लगातार चल रहे कार्य बहिष्कार आंदोलन को बिजली कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और पावर कार्पोरेशन प्रबंधन की अपील पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने अपने अग्रेतर आन्दोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया है।

बताते चलें कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने शनिवार को पीएफ घोटाले का विरोध और पीएफ के धन की वापसी की गारंटी की मांग कर रहे बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं के संगठनों से अलग-अलग वार्ता करके उन्हे पीएफ के धन की वापसी का आश्वासन दिया है।

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श्रीकांत शर्मा ने कहा...

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने शनिवार को उप्र. बिजली कर्मचारी संघर्ष समिति और उप्र. पावर आफिसर्स एसोशिएसन के प्रतिनिधियों से वार्ता की। ऊर्जा मंत्री की वार्ता के बाद यूपी पावर कार्पोरेशन प्रबंधन ने भी संघर्ष समिति व आफिसर्स एसोशिएसन के प्रतिनिधियों से वार्ता की।

इन वार्ताओं के बाद सर्वसम्मति से समझौता हुआ जिसमे शासन से कर्मचारियों के पीएफ वापसी के लिए जो गारंटी लेगा उसमे प्रावधान किया जायेगा कि ‘‘उत्तर प्रदेश पावर सेक्टर इम्प्लाइज ट्रस्ट तथा उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन सीपीएफ ट्रस्ट के स्तर से दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि कम्पनी में निवेशित धनराशि की समय से वापसी के लिए समस्त विधिक कदम उठाये जायेंगे तथा धनराशि वापस प्राप्त होने पर उसका नियमानुसार निवेश सुनिश्चित किया जायेगा।

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विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए यदि दीवान हाउसिंग फाइनेन्स लि कम्पनी में निवेशित धनराशि की वापसी में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है जिसके कारण आच्छादित कार्मिकें के देयकों के निर्वहन में ट्रस्ट अपने आप को अक्षम पाता है तो देयकों के सामयिक भुगतान सुनिश्चित कराने हेतु वांछित धनराशि प्रथमतः उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि0 द्वारा अपने श्रोतों से प्रदान की जायेगी।

यदि किन्हीं परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि भी वांछित धनराशि ट्रस्ट को उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं हो पाता है तो राज्य स्तर से आवश्यकतानुसार धनराशि उप्र पावर कारपोरेशन लि को ब्याज रहित ऋण के रूप में प्रदान की जायेगी जिससे देयकों के भुगतान में कोई कठिनाई उत्पन्न न हो।

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इसके पूर्व वार्ता में प्रबन्धन द्वारा स्पष्ट किया गया कि पीएनबीएचएफएल और एलआईसीएचएफएल में जमा धनराशि की वापसी के लिए कार्यवाही की गयी है और यह राशि ट्रस्ट के खाते में अगले दो से तीन दिनों में वापस आ जायेगी जिसका नियमानुसार निवेश किया जायेगा।

संविदा कर्मियों के ईपीएफ का पैसा ठेकेदारों द्वारा न जमा किये जाने के सम्बन्ध में प्रमुख सचिव ऊर्जा ने निदेशित किया है कि जब तक ठेकेदारों द्वारा संविदा कर्मियों के इपीएफ पैसा नहीं जमा किया जाता उनके अगले बिल का भुगतान नहीं किया जायेगा।

प्रमुख सचिव ने बताया...

प्रमुख सचिव ऊर्जा ने बताया कि मुख्य मंत्री के कड़े निर्देश हैं कि जो भी लोग पीएफ घोटाले में शामिल हैं वो चाहे जिस स्तर के हों उनके विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही की जायेगी। प्रमुख सचिव ने वार्ता में यह भी स्पष्ट किया कि ध्यानाकर्षण कार्यक्रमों के कारण किसी भी कार्मिक के विरूद्ध कोई दण्डात्मक कार्यवाही नहीं की जायेगी।

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ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने वार्ता में कहा कि घोटाले से विद्युत कर्मियों के ऊपर आये इस संकट में वे विद्युत कर्मियों के साथ पूरी तरह से हैं और वे स्वयं भी अपने को विद्युत परिवार का सदस्य मानते हैं।

उन्होंने यह भी यकीन दिलाया कि विद्युत कर्मियों की समस्याओं तथा संविदा कर्मियों की वर्तमान समस्याओं का हर सम्भव प्रयास कर समाधान कराया जायेगा तथा भयमुक्त कार्य का वातावरण बनाया जायेगा जिससे कि सभी विद्युत कर्मचारी अपना कार्य पूर्ण मनोयोग से कर सकें।

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ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति से अपील की कि सभी विद्युत कर्मी अपनी पूरी ताकत से विद्युत उद्योग की बेहतरी के लिए जुट जायें तथा 31 दिसम्बर 2020 तक पूरे प्रदेश में राजस्व वसूली, बेहतर उपभोक्ता सेवा तथा विद्युत चोरी पर पूर्ण अंकुश लगाने के काम में जुट जायें।

उन्होंने यह भी इच्छा व्यक्त की है कि 31 दिसम्बर 2020 तक प्रदेश भर में लाइन लॉस को घटा कर 15 प्रतिशत से नीचे लाने का प्रयास करें।

इस पर बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं के संगठनों आफिसर्स एसोशिएसन व संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री को आश्वासन दिया कि उपभोक्ता तथा पावर कार्पोरेशन हितों को ध्यान में रखते हुए सभी विद्युत कर्मी पूर्ण मनोयोग और निष्ठा के साथ कार्य करेंगे।

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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिससे कि निगम की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने हेतु राजस्व वसूली एवं समेकित तकनीकि एवं वाणिज्यिक हानियों को न्यूनतम किया जा सके। प्रतिनिधियों ने यह भी आश्वस्त किया कि हमेशा की तरह आगे भी शासन एवं निगम के संकल्प ‘‘सबको बिजली, पर्याप्त बिजली, निर्बाध बिजली’’ को साकार करने की दशा में अपना सम्पूर्ण एवं सकारात्मक योगदान देते रहेंगे।

इन दोनों वार्ताओं में कर्मचारी संगठनों उप्र. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और उप्र. पावर आफिसर्स एसोशिएसन के प्रतिनिधिमंडलों के साथ प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा तथा प्रमुख सचिव ऊर्जा व अध्यक्ष पावर कार्पोरेशन अरविन्द कुमार, प्रबंध निदेशक एम देवराज समेत पावर कार्पोरेशन के उच्च अधिकारी शामिल थे।

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