सभी राज्यों व बोर्डों व संस्थाओं के पाठ्यक्रमों में साम्यता जरूरी: योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज देश में शिक्षा अलग-अलग दायरों में कैद हो कर रह गई है।

Update:2019-12-11 20:52 IST

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि आज देश में शिक्षा अलग-अलग दायरों में कैद हो कर रह गई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों, विभिन्न बोर्डों और संस्थाओं के पाठ्यक्रमों में साम्यता स्थापित करना जरूरी है। इसके लिए सबको मिलकर पहल करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संविधान भी हमे समानता का अधिकार देता है इसके बावजूद अब तक शिक्षा में समानता नहीं मिल पाई है।

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मुख्यमंत्री ने किया दो दिवसीय स्कूल समिट का शुभारंभ

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में बुधवार को प्रदेश सरकार के माध्यमिक शिक्षा विभाग और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) द्वारा आयोजित दो दिवसीय स्कूल समिट का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षा को बंधनों में जकड़ कर समाज और राष्ट्र की प्रगति को बाधित नहीं किया जाना चाहिए। समानता के कार्य में सबको मिलकर आगे बढ़ना होगा। इसमें संस्थाओं को भी स्कूली शिक्षा को सर्वांगीण विकास और स्वावलंबन से जोड़ने के लिए आगे आना होगा। योगी ने कहा कि अलग-अलग देश, काल और परिस्थिति में शिक्षा की उपयोगिता किस रूप में हो सकती है।

योगी ने कहा कि जनसहभागिता से उत्पन्न सुविधाओं से यदि हम स्कूली शिक्षा ठीक कर लें तो उच्च शिक्षा में बच्चे अपना भविष्य स्वयं बना सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से सरकारी अधिकारी और कंपनियां स्कूलों को गोद लेंगी तो इससे हमारी शिक्षा की नींव मजबूत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल समिट के माध्यम से हम सब एक कार्ययोजना बनाकर एक सार्थक पहल करें, जिससे आप अपना योगदान देकर भारत को समर्थ और सशक्त बनाने का सपना साकार हो सके।

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इस दौरान उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सतीश चंद्र द्विवेदी सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे। यूपी में पहली बार आयोजित हो रहे इस समिट में शिक्षाविद्, उद्यमी,दूसरे राज्यों के शिक्षामंत्री, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रमुख और अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। इसका मकसद नवाचार के प्रयोग व शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तकनीक को बढ़ावा देना है। इसमें करीब 1100 प्रधानाचार्य व शिक्षक शामिल हो रहे हैं।

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