Etah News: जैन समाज बोला- प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करें, शिखरजी पर्यटक स्थल निर्णय वापस करायें
Etah News: झारखंड में जैन तीर्थंकर सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में पूरे शहर में जैन समाज ने जुलूस निकाला। साथ में अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार को ज्ञापन सौंपा।
Etah News: एटा जनपद मुख्यालय पर आज जैन समाज के सैकड़ों लोगों ने तीर्थंकर सम्मेद शिखरजी को झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में एक ज्ञापन दिया। श्री दिगंबर जैन पद्मावती पोरवाल पंचायत एवं सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा झारखंड में जैन तीर्थंकर सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित किया। इसके विरोध में पूरे शहर में जलूस निकालकर कलेक्ट्रेट एटा पर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम संबोधित एक ज्ञापन एटा के अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार को सौंपा।
जैन समाज ने प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से की ये मांग
इस ज्ञापन में जैन समाज द्वारा प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से मांग की गई कि जैन समाज का तीर्थ स्थल सम्मेद शिखरजी को बचाया जाए और उसको झारखंड सरकार द्वारा पर्यटन स्थल घोषित करने के निर्णय से वापस लिया जाए। इस अवसर पर एटा जनपद के हजारों जैन समुदाय के महिला पुरुष बच्चे और बुजुर्ग लोगों ने हाथों में विरोध की तख्तियां लेकर शहर के प्रमुख मार्गों पर पैदल मार्च किया। इस दौरान वह सम्मेद शिखरजी को बचाओ के नारे भी लगा रहे थे। सम्मेद शिखर जी को बचाने का आंदोलन जैसे ही कचहरी पहुंचा। वहां जिला प्रशासन द्वारा भारी संख्या में फोर्स की तैनात थी और धरना स्थल पर जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन आलोक कुमार और उप जिलाधिकारी साथ में वहां पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों का ज्ञापन लिया।
जैन समाज की ओर से प्रधानमंत्री जी को संबोधित ज्ञापन प्राप्त हुआ: DM
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार ने बताया कि जैन समाज की ओर से प्रधानमंत्री जी को संबोधित ज्ञापन प्राप्त हुआ है जिसको वह उचित माध्यम से प्रधानमंत्री जी के पास पहुंचा देंगे और जैन समाज की जो भावनाएं हैं, उनसे परिचित करा देंगे।
जैन समाज की धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात है: संदीप जैन
इसी अवसर पर जैन समाज और भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष संदीप जैन ने बताया कि जैन समाज का सबसे प्रमुख तीर्थ स्थल जो कि झारखंड के गिरिडीह जिले में सम्मेद शिखर जी पड़ता है। उसको केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की अनुशंसा पर पर्यटन स्थल घोषित करने का निर्णय लिया है, जो कि जैन समाज की धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात है।
ऐसे में समस्त जैन समाज की मांग है कि इस शिखर सम्मेलन को बचाने के लिए प्रधानमंत्री जी हस्तक्षेप करें और जैन समाज के धर्मावलंबियों की श्रद्धा का ख्याल रखते हुए इस तीर्थ स्थल को तीर्थ स्थल ही रहने दिया जाए। ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रधानमंत्री जी इस विरोध प्रदर्शन का तुरंत संज्ञान लेकर कार्रवाई करें और आदेश पारित करें जिससे कि जैन समाज की श्रद्धा का केंद्र सम्मेद शिखरजी को बचाया जा सके।