Etah News : रोडवेज को चूना लगा रहा था एआरएम का कथित चचेरा भाई, 41 यात्रियों में 21 के टिकट बनाए फर्जी

Etah News जब सैंया भाई कोतवाल तो अब डर काहे का, यह कहावत एटा में चारितार्थ दिखाई दे रही है। दरअसल यहां रोडवेज बस का संचालन फर्जी तरीके से किया जा रहा है, यहां बिना नियुक्ति के चालक बसों को संचालित कर रहे हैं और बिना टिकट यात्रा करा रहे हैं, जिससे रोडवेज को लाखों-करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

Report :  Sunil Mishra
Update: 2024-06-12 05:08 GMT

Etah News जब सैंया भाई कोतवाल तो अब डर काहे का, यह कहावत एटा में चारितार्थ दिखाई दे रही है। दरअसल यहां रोडवेज बस का संचालन फर्जी तरीके से किया जा रहा है और बिना टिकट यात्रा करा रहे हैं, जिससे रोडवेज को लाखों-करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। इस मामले का संज्ञान लेते हुए एटा डीएम ने जांच के निर्देश दिए थे। एसडीएम ने जब बस की चेकिंग की तो एटा डिपो की एक बस में 21 यात्रियों के टिकट फर्जी पाए गए, जबकि बस में कुल 41 यात्री सवार थे। 20 यात्रियों के टिकट सही मिले। एसडीएम राजकुमार मौर्य ने मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है। बता दें कि दो साल पहले भी ऐसा ही मामला सामने आया था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते ठंडे बस्ते में चला गया था।  

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एसडीएम राजकुमार मौर्य ने बताया कि मंगलवार को रोडवेज बस संख्या यूपी 81 बीटी 6057 दोपहर के समय अलीगढ़ गई थी। बस पर एआरएम का चचेरा भाई संजीव कुमार कंडक्टरी कर रहा था। यही बस शाम के समय अलीगढ़ से लौट रही थी। इस दौरान बस को महाराणा प्रताप चौक पर रुकवा कर टिकट चेक किया गया। बस में कुल 41 यात्री सवार मिले, इनमें से इलैक्ट्रॉनिक मशीन के माध्यम से सिर्फ 20 यात्रियों के ही टिकट बने थे, जिनमें से 2 यात्रियों के हाथ से सादे कागज पर पैसे और हस्ताक्षर किया गया टिकट दिया गया था।

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41 यात्रियों के 21 टिकट फर्जी

एसडीएम ने जांच में पाया कि मशीन से बने हुए 20 टिकट ही वास्तविक टिकट थे, बाकी 21 टिकट फर्जी थे। जबकि बस परिचालक ने सभी यात्रियों से पूरा किराया वसूला था, लेकिन उन्हें फर्जी टिकट दिया गया। मामले को गंभीरता लेते हुए एसडीएम ने तुरंत ही मौके पर सामूहिक रूप से सभी यात्रियों का टिकट बनवाया। उन्होंने बताया कि जब एक बस में इस प्रकार फर्जीवाड़ा चल रहा था तो अब तक न जाने कितने यात्रियों के साथ धोखा किया गया होगा।

अधिकारियों के संरक्षण में चल रहा धंधा

बता दें कि जब इस फर्जीवाड़े की तहकीकात की गई तो पता चला कि यह नेटवर्क अधिकारियों के संरक्षण में व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से संचालित होता है। इस गैंग में शामिल परिचालक कौन कहां पर चेकिंग कर रहा है, अधिकारी कहां पर है, सब एक दूसरे को जानकारी देकर चलते हैं। यदि कोई चेकिंग या बाहर का अधिकारी आ जाता है तो यह लोग अपनी अपनी बसों को सही करके टिकट बना कर ही आगे बढते हैं। वहीं, रास्ते में चेकिंग स्टाफ भी इस लूट में हिस्सेदारी लेकर शामिल है।

क्या बोले जिम्मेदार

डिपो प्रभारी हरेंद्र यादव ने बताया कि पकड़ा गया परिचालक संजीव कुमार एआरएम को अपना भाई बताते हैं। इनके द्वारा कितनी टिकट बनाई गई या नहीं बनाई गई, इसकी हमें जानकारी नहीं है। एआरएम राजेश यादव ने बताया वह अवकाश पर हैं, उन्हें एक बस में परिचालक द्वारा बिना टिकट यात्रा कराने की जानकारी प्राप्त हुई है। उन्हें बताया गया है कि बस में संजीव कुमार नामक परिचालक था, पकड़ने वाले अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

12 कंडक्टर पाए गए थे फर्जी

बता दें कि फर्जीवाड़ी तथा भ्रष्टाचार के लिए एटा डिपो हमेशा चर्चा में रहा है। इसी प्रकार वर्ष 2022 में अपर जिलाधिकारी तथा उप जिलाधिकारी द्वारा मारे गए एक छापे के दौरान 12 रोडवेज संविदा कर्मी फर्जी कंडक्टर की नौकरी करते पाए गए थे, जिनके विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज कराई की गई थी, किंतु मामला अभी तक ठंडी बस्ते में दफन है।

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