Etawah News: सरकारी विद्यालय की जर्जर इमारत में चल रही पाठशाला, स्कूली बच्चों ने सीएम योगी से लगाई गुहार
Etawah News: इटावा जिले के बसरेहर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम छिद्दपुर में एक सरकारी विद्यालय ऐसा है जहां पर जनपद के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नजर नहीं पहुंच रही है
Etawah News: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकारी विद्यालयों की दुर्दशा को सुधारने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जनपद इटावा में कई स्कूल ऐसे हैं जहां पर सरकारी विद्यालयों का सुंदरीकरण किया गया है, जिसे बच्चे स्कूल में आकर शिक्षा को अच्छे तरीके से ग्रहण कर सकें। लेकिन, इटावा की बसरेहर ब्लॉक में स्थित एक सरकारी विद्यालय जर्जर इमारत में चल रहा है। यहां पर पढ़ने वाले बच्चों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विद्यालय का सौंदर्यीकरण कराने की मांग की है।
डर के साए में पढ़ रहे बच्चे
इटावा जिले के बसरेहर विकासखंड क्षेत्र के ग्राम छिद्दपुर में एक सरकारी विद्यालय ऐसा है जहां पर जनपद के शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नजर नहीं पहुंच रही है। यहां पर स्कूल में आने वाले बच्चे हर समय डर के साए में शिक्षा को ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन, सरकारी नुमाइंदे जर्जर इमारतों का रुख नहीं कर रहे हैं। इमारतों की दुर्दशा को सुधारने की कोई भी कोशिश नहीं कर रहे हैं। दीवारों में मोटी-मोटी दरारे तक आ गई है जिससे लेंटर कभी भी गिर सकता है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे हादसे का शिकार हो सकते हैं, लेकिन इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है।
बच्चों ने सीएम योगी से लगाई गुहार
स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे काफी परेशान है और डर के साए में स्कूल में बैठकर शिक्षा को ग्रहण कर रहे हैं। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि हम लोग सरकारी विद्यालय में शिक्षा पढ़ रहे हैं। स्कूल की जो बिल्डिंग है उसमें दरारें आ गई है और बिल्डिंग कभी भी गिर सकती है और हम सभी बच्चे हादसे का शिकार हो सकते हैं। बच्चों ने कहा कि हम सीएम योगी से गुहार लगाते हैं कि वह विद्यालय को बनवाने का काम करें।
प्रधानाध्यापक ने भी जर्जर इमारत के बारे में अधिकारियों को कराया अवगत
प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक सत्यनारायण ने बताया कि स्कूल में कुल मिलाकर 106 बच्चे पढ़ने आते हैं। स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हालत में है। इसको लेकर कई दफा हमने नीचे से लेकर ऊपर तक प्रार्थना पत्र देकर स्कूल की जर्जर बिल्डिंग के बारे में अवगत कराया है, लेकिन कोई भी असर नहीं हुआ है। जिसकी वजह से मजबूरन हमें जर्जर इमारत में ही बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है।