लखनऊः राजधानी के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के कार्डियोवैस्कुलर थोरेसिक सर्जरी (सीवीटीएस) विभाग के मौजूदा प्रमुख डॉ. शेखर टंडन ने उनसे पहले साल 2012 से प्रमुख रहे डॉ. एसके सिंह और उनकी टीम पर संगीन आरोप लगाए हैं। डॉ. टंडन के मुताबिक डॉ सिंह और उनके तत्कालीन साथी डॉक्टरों की लापरवाही से 18 मरीजों को जान गंवानी पड़ी है।
क्या है मामला?
-केजीएमयू के वीसी प्रो. रविकांत ने बीती 22 अप्रैल को डॉ. एसके सिंह को हटाकर डॉ. शेखर टंडन को सीवीटीएस का हेड बनाया था।
-डॉ. सिंह ने इसका विरोध करते हुए मामले की शिकायत गवर्नर राम नाईक तक से की थी।
-शुक्रवार को डॉ. टंडन ने आरोप लगाया कि सीवीटीएस में उनसे पहले बीपीएल मरीजों की सर्जरी का सामान मंगाया गया और वो स्टोर में पड़े-पड़े बेकार हो गया।
-डॉ. टंडन के मुताबिक विभागीय जांच में पता चला कि डॉ. सिंह और तत्कालीन डॉक्टरों पर आरोप सही हैं।
-निजी आमा मेडिकल स्टोर को 60 वाल्व के लिए 35 लाख रुपए दिए गए, लेकिन ये वाल्व सप्लाई नहीं हुए।
मरीजों के बदलने थे वॉल्व
-केजीएमयू में 18 मरीजों के वॉल्व बदलने थे। इसमें 8 मरीजों के दो-दो वाॅल्व (डीवीआर) और 10 मरीजों का एक-एक वॉल्व (एमवीआर) बदलना था।
-दो वॉल्व बदलने के लिए प्रति मरीज एक लाख 40 हजार रुपए का सर्जिकल सामान मंगवाया था।
-इसके अलावा भी अन्य काफी सामान डंप पड़ा है।
और क्या आरोप लगाए?
-डॉ. शेखर टंडन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जांच शुरू होने पर आमा मेडिकल ने वाल्व सप्लाई शुरू की।
-जिन मरीजों को वाल्व लगना था, उनके बारे में पता नहीं कि वाल्व लगे या नहीं।
-डॉ. सिंह के एचओडी रहते सर्जरी का सामान मंगाकर स्टोर में रखा गया। जबकि सर्जरी न होने से 18 मरीजों की मौत हो गई।
-ऑडिट में 32 लाख रुपए की सर्जरी का सामान स्टोर में एक्सपायर्ड हालत में मिला।
किन मरीजों की हुई मौत?
-डबल वाल्व सर्जरी में आमतौर पर एक मरीज पर 2 लाख रुपए का खर्च आता है।
-सूत्रों का कहना है कि एक वाल्व की खरीद पर डॉक्टर को करीब 20 हजार कमीशन मिलता है।
-गोरखपुर की मैना देवी, सुल्तानपुर की सरिता सिंह, राम अंबर, हरिकेश, जयप्रकाश, जगतपाल की हुई मौत।
-शांति पाल, आत्मा प्रकाश, श्रीदेवी, प्रमोद, सावित्री, रमेश कुमार, शफीक अहमद, अभिषेक सिंह ने भी जान गंवाई।
-राजकुमार, शांति देवी, निधि सिंह और शांति नाम के मरीजों की भी सर्जरी के बिना जान जाने का लगा है आरोप।