लखनऊ: विदेश में जमा काला धन लाने के मुद्दे को लेकर सत्ता में आई मोदी सरकार भले ही विदशों में जमा ब्लैक मनी लाने में अब तक कामयाब नहीं हो सकी, लेकिन अब सरकार ने देश के अंदर की ब्लैकमनी निकलवाने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए बजट में खास प्रावधान भी किया गया है।
अघोषित कमाई जमा करने को सिंगल विंडो
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड एकाउंटेंट लखनऊ के वाइस चेयरमैन प्रेम खंडेलवाल का कहना है कि इसके लिए एक सिंगल विंडो का प्रावधान किया गया है। इसमें देश का कोई भी निवासी अपनी अघोषित संपत्ति का ब्यौरा दे सकता है। इसके लिए अप्रैल से जून तक का समय दिया गया है।
45 फीसदी लगेगा टैक्स
खंडेलवान ने बताया कि इसमें कोई भी अपनी अघोषित आय का ब्यौरा दे सकता है।
-उस आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स लिया जाएगा
-7.5 फीसदी पेनाल्टी लगेगी
-7.5 फीसदी एग्रीकल्चर क्षेत्र के विकास के लिए टैक्स देना होगा
-कुल 45 फीसदी टैक्स देय होगा
यानि एक करोड की घोषणा पर 55 लाख सफेद हो जाएंगे।
नहीं पूछा जाएगा आय का स्रोत
खंडेलवाल के मुताबिक अघोषित संपत्ति जमाकर्ता से उसके आय के स्रोत के बारे में नहीं पूछा जाएगा कि कहां से उसे यह आय हुई है।
डिक्लेयरेशन के दो माह के अंदर जमा करना होगा टैक्स
इस प्रक्रिया में इतनी शर्त भर रखी गयी है कि अघोषित संपत्ति के डिक्लेयरेशन के दो माह के अंदर टैक्स जमा करना होगा। अन्यथा इसे वैध नहीं माना जाएगा।
नई नहीं है स्कीम
वीडीआईएस स्किम कोई नई नहीं है ।केन्द्र सरकार ने 18 जून 1997 को इसे पहली बार लागू किया था जिसमें तीन लाख 50 हजार लोगों ने अपनी प्रोप्रटी उिक्लेयर की थी। इसमें 7800 करोड रूपए जमा हुए थे ।ये योजना 31 दिसम्बर 1997 को बंद कर दी गई। उस वक्त योजना के तहत 35 प्रतिशत राशि ही काल से सफेद होनी थी लेकिन मोदी सरकार ने सोमवार को पेश बजट में 45 प्रतिशत राशि ब्लैक मनी से मुक्त होगी। दिवंगत इंदिरा गांधी के कार्यकाल में इमरजेंसी लगने के पहले इसे लागू किया गया था जिसमें 250 करोड रूपए जमा हुए थे। हालांकि उसवक्त इसका नाम वीडीएस था ।