कानपुर: धनतेरस के पर्व पर लोग खुशियां घर लेकर आते हैं, लेकिन एक परिवार की खुशियों में उस वक्त ग्रहण लग गया था। शॉट सर्किट से घर में आग गई। इस आग में पूरी गृहस्थी जलकर खाक हो गई। दीपावली की खुशियां मातम में तब्दील हो गई। किसी तरह परिवार अपनी जान बचा कर भागा। दमकल तो मौके पर नहीं पहुंच सकी। लेकिन मोहल्ले वालों ने सबमर्सिबल पंप चलाकर आग पर काबू पाया। इस परिवार के पास अनाज का एक दाना और पहनने के कपड़े तक नहीं बचे हैं।
नौबस्ता थाना क्षेत्र के संजय गांधी नगर में रहने वाले रामचंद्र चौरसिया लोडर चालक है। परिवार में पत्नी आरती, तीन बेटिया कनक (13), नव्या, ख़ुशी और एक बेटे रौनक (03) के साथ रहता है। मकान में शॉट सर्किट से आग लगने से हडकंप मच गया। देखते ही देखते आग इतनी विकराल हो गई कि पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। परिवार के सदस्य अपनी जान बचा कर भागे। आग को देख कर मोहल्ले के लोग इकठ्ठा हो गए। सभी एक जुट होकर सबमर्सिबल पंप चलाकर पानी का छिड़काव किया, तब जाकर आग पर काबू पाया गया।
रामचंद्र चौरसिया ने बताया कि मंगलवार को सभी लोग पीछे वाले कमरे में बैठे थे। दीवाली की तैयारियां चल रही थी। तभी आगे वाले कमरे से कुछ धुंआ दिखा। जब तक हम लोग वहां पर पहुंचे तो देखा कि पर्दे में आग लगी थी। सभी लोग चिल्लाते हुए बाहर की तरफ भागे और पहले तो बच्चों को बाहर निकाला। इसके बाद आग को देख कर मोहल्ले के लोग जमा हो गए। सभी ने पानी का छिड़काव शुरू कर दिया। पड़ोसियों ने सबमर्सिबल पंप चलाकर पानी डाल कर आग को बुझाया।
आरती ने बताया कि जैसे ही आग लगी किचन में रखे गैस सिलेंडर को फ़ौरन वहां से हटा दिया। यदि गैस सिलेंडर में आग लग जाती तो घर के कई सदस्य इस आग की चपेट में आ जाते। इस आग में हमारा सब कुछ बर्बाद हो गया। बच्चों की खुशियां सब बर्बाद हो गईं? अब कैसे क्या होगा?