विद्युत सुरक्षा निदेशालय में फर्मों का अब 5 वर्ष में कराना होगा नवीनीकरण: श्रीकांत शर्मा

यूपी के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने विद्युत सुरक्षा निदेशालय में हर साल फर्मों के नवीनीकरण की व्यवस्था होगी समाप्त करते हुए अब पांच साल में नवीनीकरण कराने की प्रक्रियां शुरू करने का निर्देश दिया है।

Update: 2020-05-27 13:19 GMT

लखनऊ। यूपी के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने विद्युत सुरक्षा निदेशालय में हर साल फर्मों के नवीनीकरण की व्यवस्था होगी समाप्त करते हुए अब पांच साल में नवीनीकरण कराने की प्रक्रियां शुरू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने नेडा के सौर ऊर्जा के लक्ष्य को भी निर्धारित अवधि में पूरा करते हुए निर्देशित किया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की सरकार की मंशा के अनुरूप तकनीक का उपयोग कर व्यवस्था सुधारें।

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विद्युत सुरक्षा निदेशालय में पंजीकरण अनिवार्य

अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग व विद्युत सुरक्षा निदेशालय की समीक्षा बैठक में बुधवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने कहा कि विद्युत संबंधी कार्यों को करने वाली फर्मों को विद्युत सुरक्षा निदेशालय में पंजीकरण अनिवार्य है।

अभी तक पंजीकृत फर्म को हर वर्ष पंजीकरण का नवीनीकरण कराना पड़ता है। इस प्रक्रिया में भ्रष्टाचार की भी शिकायतें आ रही थी। जिससे अनावश्यक लोगों को समस्याएं आ रही थी। इसको देखते हुए एक बार पंजीकरण कराने पर 5 वर्ष बाद नवीनीकरण की व्यवस्था किये जाने को कहा है।

उन्होंने बताया कि सभी श्रेणियों में व्यवसायिक व औद्योगिक कार्यों या अधिक लोड के कनेक्शन के लिए विद्युत सुरक्षा निदेशालय की एनओसी की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किये जाने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही यह सभी सेवाएं शुरू की जाएंगी। जिससे लोगों को बाबुओं के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

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धीमी प्रगति पर नाराजगी भी जताई

नेडा की समीक्षा के दौरान ऊर्जा मंत्री ने निर्देशित किया कि 10700 मेगावाट सोलर ऊर्जा के उत्पादन के लक्ष्य को दिसंबर 2021 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाए। इसके लिए मेगा परियोजनाओं, कुसुम ए व कुसुम सी पर विशेष फोकस रहे। उन्होंने नेडा द्वारा संचालित परियोजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी भी जताई।

उन्होंने निर्देशित किया कि सभी सरकारी इमारतों, स्कूलों, अस्पतालों व नगर निगमों से संपर्क स्थापित कर वहां भी सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास करें।

बड़े सरकारी बकायेदार विभागों के बजट में इसका प्रावधान करवाएं जिससे भविष्य में इनकी देनदारियां कम हो सकें। आईजीआरएस पोर्टल व टॉल फ्री नंम्बर पर आने वाली शिकायतों के समय से निस्तारण के निर्देश दिए।

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