राइफल लूटने के जुर्म में बब्बर खालसा से जुड़े चार लोगों को सात साल की कैद

एनआईए के स्पेशल जज पीएम त्रिपाठी ने यूपी के शामली में तैनात दो पुलिसकर्मियों को गोली मारकर उनकी राइफल लूटने के मामले में बब्बर खालसा-2020 के दोषी करार दिए गए चार सदस्य गुरजंत सिंह उर्फ जिन्टा, जर्मन सिंह, अमृत सिंह व कर्मवीर सिंह उर्फ कर्मा को सात-सात साल की सजा सुनाई है।

Update: 2019-07-10 17:20 GMT

लखनऊ: एनआईए के स्पेशल जज पीएम त्रिपाठी ने यूपी के शामली में तैनात दो पुलिसकर्मियों को गोली मारकर उनकी राइफल लूटने के मामले में बब्बर खालसा-2020 के दोषी करार दिए गए चार सदस्य गुरजंत सिंह उर्फ जिन्टा, जर्मन सिंह, अमृत सिंह व कर्मवीर सिंह उर्फ कर्मा को सात-सात साल की सजा सुनाई है। जबकि एक अन्य सदस्य करम सिंह को पांच साल की सजा सुनाई है। अदालत में इन सभी ने मुकदमे के विचारण के दौरान अपना जुर्म कबूल कर लिया था।

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एनआईए की ओर से पेश वकील के के शर्मा के मुताबिक दो अक्टूबर, 2018 को अभियुक्तों ने इस घटना को रात्रि 10 बजे अंजाम दिया था। शामली के थाना झिनझाना थानार्न्तगत कमलापुर पिकेट ड्यूटी पर सिपाही संसार सिंह व संजय वर्मा तैनात थे। इन अभियुक्तों ने दोनों सिपाहियों को तमंचे से गोली मारकर इनका राइफल लूट लिया और फरार हो गए।

16 अक्टूबर, 2010 को एनआईए ने शामली में ही एक मुठभेड़ में अभियुक्त करम सिंह, गुरजंत सिंह व अमृत सिंह को गिरफ्तार कर इस वारदात का खुलासा किया। इनकी निशानदेही पर शामली से लूटी गई दोनों राइफल बरामद की गई। साथ ही इनसे बरामद मोबाइल के जरिए अन्य अभियुक्त जर्मन सिंह को राजस्थान के बीकानेर जबकि करमवीर सिंह उर्फ कर्मा को पंजाब के पाटियाला से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में मालूम हुआ कि यह सभी भिंडरवाला से प्रभावित थे और खालिस्तान आंदोलन चलाना चाहते थे। ये अपने आंदोलन को धार देने के लिए पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह बादल की हत्या करना चाहते थे। इसलिए पुलिसवालों को तमंचे से गोली माकर उनकी राइफलें लूटी थीं।

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11 अपै्रल, 2019 को एनआईए ने इन सबके खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 307, 392, 216ए व 411 के साथ ही आर्म्स एक्ट की धारा 27 व विधि विरुद्ध क्रिया कलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 18 व 20 में आरोप पत्र दाखिल किया था। सात मई, 2019 को इनके खिलाफ आरोप तय हुआ।

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