गंगा में समाया शहर: महादेव की नगरी में बाढ़ का कहर, मचा हड़कंप

गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी की वजह से घाट पर सीढ़ियों के पहले प्लेटफार्म तक गंगा पहुंच गई है। चूंकि रत्नेश्वर महादेव मंदिर थोड़ा नीचे स्थित है इसलिए गर्भगृह पूरी तरह से डूब गया है।

Update: 2020-07-15 12:53 GMT

वाराणसी: रात-दिन लगातार और मूसलाधार बारिश होने के कारण मैदानी इलाकों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं। महादेव की नगरी काशी जिसको बनारस भी कहते हैं, में गंगा नदी का जल स्तर बढ़ता ही जा रहा है। जिसकी वजह से मणिकर्णिका घाट स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर पूरी तरह से पानी में डूब गया है। इसीके साथ शहर के कुछ इलाकों में भी पानी पहुंच चुका हैं।

मणिकर्णिका घाट स्थित रत्नेश्वर महादेव मंदिर

गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी की वजह से घाट पर सीढ़ियों के पहले प्लेटफार्म तक गंगा पहुंच गई है। चूंकि रत्नेश्वर महादेव मंदिर थोड़ा नीचे स्थित है इसलिए गर्भगृह पूरी तरह से डूब गया है। महादेव के चरण पखारने के बाद अब गंगा शिखर की ओर लगातार बढ़ रही है। इस वजह से यहां नाविकों ने अपनी नावें मंदिर के पिलर से बांध दी हैं।

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मणिकर्णिका घाट की सीढ़ियां जल में समा गई

तस्वीरें देखकर आप बाढ़ की हलचल महसूस कर सकते हैं। काशी में माना जाता है कि जब गंगा रत्नेश्वर महादेव मंदिर के शिखर को छू लेती हैं तो घाट किनारे सारी सीढ़ियों समेत पूरा घाट डूब जाता है। वहीं मणिकर्णिका घाट की आधे से अधिक सीढ़ियां जल में समा गई हैं। अब शवों का अंतिम संस्कार मुख्य प्लेटफार्म पर हो रहा है, जो घाट से सटा है। गंगा जिस रफ्तार से बढ़ रही है, उसको देखते हुए वो दिन दूर नहीं जब अंतिम संस्कार ऊपर सड़क से सटे हुए प्लेटफार्म पर होगा।

खतरे का निशान 71.26 मीटर

गंगा की लगातार बढ़ोत्तरी से अन्य घाटों पर भी जलस्तर बढ़ा है। यहां खतरे का निशान 71.26 मीटर है। जल स्तर बढ़ने की वजह से करीब दो हजार लोगों की रोजी रोटी पर संकट गहरा जाता है। वहीं शवदाह के लिए परिजनों को घंटो इंतजार करना पड़ता है।

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तैयारी में जुटा प्रशासन

फिलहाल डीएम कौशलराज शर्मा ने संभावित बाढ़ के दृष्टिगत सभी सम्बंधित विभागों को एलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक हुईं है। प्रशासन ने इस दौरान लोगों को क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, यह सब बताया जा रहा है। बाढ़ राहत के लिए एनडीआरएफ, नगर निगम, चिकित्सा और पुलिस विभाग की टीम को एलर्ट किया गया है।

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