देश की बड़ी फैक्ट्री बंद: 1000 कर्मचारियों को लगा झटका, कंपनी से हुए बाहर
साइकिल कम्पनी एटलस ने बड़ा फैसला लिया है। गाजियाबाद के साहिबाबाद में स्थित एटलस फैक्ट्री अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गयी है। जिससे एक हजार मजदूरों की नौकरी चली गयी।
नई दिल्लीः कोरोना संकट के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था खतरे में हैं। कई उद्योगों को झटका लगा है। कर्मचारियों या तो बेरोजगार हो गए है और या उनके वेतन में कटौती कर दी गयी। ऐसे में उनपर भी मुश्किल आ पड़ी है। इसी कड़ी में देश की साइकिल बनाने वाली सबसे बड़ी कम्पनी एटलस ने अपने कर्चारियों को बड़ा झटका दिया है। कम्पनी ने गाजियाबाद स्थित अपनी सबसे बड़ी फैक्ट्री अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी। ऐसे में यहां कार्यरत 1000 मजदूर बेरोजगार हो गए है।
एटलस साइकिल फैक्ट्री बंद
साइकिल कम्पनी एटलस ने बड़ा फैसला लिया है। गाजियाबाद के साहिबाबाद में स्थित एटलस फैक्ट्री अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी गयी है। जिससे एक हजार मजदूरों की नौकरी चली गयी। ध्यान देने वाली बात है कि एटलस ने ये फैसला विश्व साइकिल दिवस के मौके पर लिया है।
1000 मजदूर बेरोजगार
मजदूरों को इस बारे में पूर्व में इस बात की जानकारी भी नहीं थी। आम दिनों की तरह जब वे काम के लिए फैक्ट्री पहुंचे तो दरवाजे पर नोटिस चस्पा देखा। नोटिस में लिखा था कि कम्पनी के पास फैक्ट्री चलाने के लिए पैसा नहीं है, ऐसे में फ़ैक्ट्री को अनिश्चितकाल के लिए बंद किया जा रहा है। कम्पनी मैनेजमेंट का कहना है कि साइकिल बनाने के लिए कच्चा माल खरीदने तक का पैसा कम्पनी के पास नहीं है। ऐसे में कर्मचारियों के लिए 3 जून से ले ऑफ़ जारी कर दिया गया।
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ले ऑफ का मतलब
ले ऑफ के तहत कम्पनी किसी भी कर्मचारियों की नौकरी से नहीं निकालती। कर्मचारियों को कोई काम नहीं दिया जाता पर उन्हें कम्पनी के गेट पर रोजाना आकर कम्पनी रजिस्टर में हाजिरी लगानी होती है। हाजिरी के आधार पर कर्मचारियों को आधा वेतन दिया जाता है।
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कर्मचारियों को नहीं मिला मई का वेतन
कम्पनी के फैसले से कर्मचारी काफी परेशान है। कर्मचारियों को मई माह का वेतन तक नहीं मिला है। कर्मचारियों पर रोजी रोटी का संकट आ गया है। पिछली सैलरी मिली नहीं है और आगे की सैलरी का कुछ तय नहीं हैं।
हर साल बनती हैं 50 लाख साइकिलें
बता दें कि एटलस की साहिबाबाद स्थित फैक्ट्री 1989 से चल रही है। लॉकडाउन के पहले यहां प्रतिमाह दो लाख साइकिलों को बनाया जा रहा था। पूरे साल में कम्पनी तकरीबन 50 लाख साइकिलों का निर्माण करती थी लेकिन कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन लागू हुआ और फिर कारोबार ठप्प होने से साइकिल बनने की प्रक्रिया रोक दी गयी।
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