Ghaziabad News: लोन रिकवरी के लिए बैंक एजेंट कर रहें दादागिरी

Ghaziabad News: पीड़ित के पिता जो बीमार रहते थे। उन्हें सर्दी में जबरन उठाकर सड़क पर बैठा दिया। उसके बाद पीड़ित और उसकी पत्नी के साथ अभद्रतापूर्वक व्यवहार करते हुए धक्के देकर घर से बाहर निकाल दिया।

Report :  Neeraj Pal
Update:2024-02-21 18:05 IST

प्रतीकात्मक इमेज  source: social media

Ghaziabad News: एक प्राइवेट बैंक के लोन की किस्त न चुकाने की कीमत एक बुजुर्ग को भारी पड़ गई। बुजुर्ग के मकान का सारा सामान रिकवरी एजेंटों ने बाहर फेंक दिया। घर का सारा सामान तितर- बितर हो गया था। जिसमें बुजुर्ग की दवाईयों तक को नहीं छोड़ा समय दवाई न मिल पाने की वजह उस बुजुर्ग की मृत्यु हो गयी। परिवार ने पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों से बैंक से छुटकारा दिलाने और न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस ने मदद का आश्वासन देते हुए समस्या का समाधान करने की बात की है। 

क्या था मामला 

मयंक गुप्ता पुत्र स्वर्गीय अमरनाथ गुप्ता का मकान एम 134 कवि नगर गाजियाबाद में स्थित है। पीड़ित अपने परिवार के साथ लगभग 20 वर्षों से उस मकान में रह रहें हैं। पीड़ित के पिता काफी बुजुर्ग थे और वृद्ध होने कारण कई बीमारियों से ग्रस्त थे। जिसकी वजह से वह चलने फिरने में असमर्थ थे। पीड़ित परिवार का आरोप है कि 9 जनवरी 2024 को करीब दिन में 12:00 बजे के आसपास एक्सिस बैंक के अधिकारी मुकेश सिंह और रुपिन कुमार व दस बारह रिकवरी एजेंटों के साथ उनके घर पर आ पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने घर का सामान बाहर फेंकना शुरू कर दिया। पीड़ित परिवार ने जब सका विरोध करा तो उन्होंने कहा कि हम बैंक से आए हैं और हमें मकान पर कब्जा लेना है।

बुजुर्ग को जबरन उठाकर बैठाया सड़क पर 

पीड़ित ने बताया की उसके पिता जो बीमार रहते थे उन्हें सर्दी में जबरन उठाकर सड़क पर बैठा दिया। उसके बाद पीड़ित और उसकी पत्नी के साथ अभद्रतापूर्वक व्यवहार करते हुए धक्के देकर घर से बाहर निकाल दिया। पीड़ित ने आगे बताया की उसने उन लोगों से काफी प्रार्थना की ताकी उसके पिता की जीवन रक्षक दवाइयां, इलाज के पर्चे और पैसे निकालने दें। लेकिन उन  लोगों ने धमकाते हुए कहा कि हम कुछ नहीं निकालने देंगे। बैंक कर्मचारी ने कहा कि उनके सीनियर वरुण भट्ट ने यही आदेश दिया है कि लोगों को मकान में से कोई सामान नहीं निकालने दिया जाए। उन्होंने पीड़ित के पिता को मात्र कुर्ता पजामा में बिना कंबल स्वेटर के कड़कड़ाती हुई ठंड में बाहर सड़क पर ही बैठा दिया तथा मकान पर सील लगाकर वहां से चले गए। 

धमकी दी फिर कहा मकान होगा नीलाम 

उन्होंने पीड़ित और उसके परिवार को घर से बाहर निकल दिया। उसके बाद कहा की मकान नीलम होगा और जो भी सामान, दवाई, रुपए, जेवर जो भी रखा है। उसी के साथ नीलाम हो जाएगा। इसके बाद पीड़ित ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर गुहार लगाई। जिला अधिकारी ने 13 जनवरी 2024 को आदेश दिया कि मकान को खुलवाकर दवाइयां, गर्म कपड़े और जो भी जरूरी सामान है उसे निकालने आदेश दिया जाये। 

16 जनवरी को एक्सिस बैंक से मुकेश सिंह आए किंतु तब भी मुकेश सिंह व रुपिन कुमार ने पिता की दवाइयां निकाल कर देने से साफ इनकार कर दिया। उसके बाद जिस बात का डर था वही हुआ। दवाइयां न मिलने की वजह से पीड़ित के पिता की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। उसके बाद पीड़ित के पिता की मौत हो गयी। पीड़ित ने एक्सिस बैंक कर्मचारी मुकेश सिंह, रुपिन कुमार, तरुण भट्ट एवं उदयवीर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई है।

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