Ghaziabad: गनर विवाद के बीच विधायक द्वारा की गई सपा की तारीफ के मायने
Ghaziabad: लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का समाजवादी पार्टी के प्रति प्रेम एक बार फिर उभरता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने पत्रों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की तारीफ की है।
Ghaziabad News: लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सुरक्षा कम करने के मुद्दे को लेकर अधिकारियों के प्रति मुखर रवैया अख्तियार किया हुआ है। वह लगातार अपनी सुरक्षा व गनर को लेकर विभिन्न प्लेटफार्म पर पत्राचार कर रहे हैं और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। वहीं इस पत्राचार के बीच उनका समाजवादी पार्टी के प्रति प्रेम एक बार फिर उभरता हुआ दिखाई दे रहा है। उन्होंने जिस तरीके से पत्रों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की तारीफ की है। उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वह अपनी भविष्य की राजनीति सपा में तलाश रहे हैं।
पत्र में विधायक ने बसपा की भी तारीफ की है लेकिन लोकसभा चुनाव में बसपा उत्तर प्रदेश में खाता भी नहीं खोल पाई और सपा का आज तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा है। लोकसभा चुनाव में सपा के प्रदर्शन के बाद से ही लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के सुर बदले हुए दिखाई दे रहे हैं। आपको बता दें कि आने वाले समय में कुछ राजनीतिक समीकरण भी इस प्रकार के बनने वाले हैं कि कईयों की राजनीति शिखर पर पहुंचेगी और कई की धराशायी हो जाएगी।
दरअसल भाजपा ने लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन में लड़ा है। यह गठबंधन आगे भी जारी रहने की प्रबल संभावना हैं। ऐसे में 2027 विधानसभा चुनाव भी भाजपा प्रदेश में रालोद गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि गाजियाबाद एक से दो सीट राष्ट्रीय लोकदल के खाते में जा सकती हैं। इनमें से लोनी विधानसभा सीट के रालोद के खाते जाने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। यदि ऐसा होता है तो लोनी सीट पर रालोद की तरफ से मदन भैया और लोनी नगर पालिका चेयरमैन पति मनोज धामा प्रबल दावेदार होंगे।
मदन भैया वर्तमान में मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट से विधायक हैं और लोनी से चार बार विधायक रह चुके हैं। वहीं मनोज धामा पूर्व में लोनी नगर पालिका के चेयरमैन रह चुके हैं और वर्तमान में उनकी पत्नी रंजीता धामा चेयरमैन हैं। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में रंजीता धामा ने लोनी से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। मदन भैया व मनोज धामा दोनों ही लोनी की राजनीति में सक्रिय हैं। यदि लोनी सीट रालोद के खाते में गई तो लोनी में नंदकिशोर गुर्जर का भाजपा में भविष्य संकट में आ सकता है। इन्हीं सभी समीकरणों को लेकर अंदेशा जताया जा रहा है कि वे सपा में अपना भविष्य तलाश सकते हैं।