Ghaziabad News: नहीं मिल रही दवाओं की जांच रिपोर्ट, दोबारा भेजा गया रिमाइंडर

Ghaziabad News: क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ अशोक राना ने बताया कि जांच रिपोर्ट के लिए लखनऊ लैब को रिमाइंडर भेजा गया है। आयुर्वेद विभाग की ओर से पिछले साल अभियान चलाकर दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे।

Report :  Neeraj Pal
Update: 2024-01-28 08:41 GMT

गाजियाबाद में नहीं मिल रही दवाओं की जांच रिपोर्ट (न्यूजट्रैक)

Ghaziabad News: आयुर्वेद विभाग को दवाओं को लेकर लगातार शिकायतें मिलना जारी है। जिसके बाद विभाग की ओर से अभियान चलाकर 30 से ज्यादा दवाओं के सैंपल लेकर जांच को भेजे गए हैं, लेकिन लखनऊ से जांच रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण विभागीय स्तर पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है और दवाएं बिना रोक-टोक बाजार में बेची जा रही हैं। क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ अशोक राना ने बताया कि जांच रिपोर्ट के लिए लखनऊ लैब को रिमाइंडर भेजा गया है। आयुर्वेद विभाग की ओर से पिछले साल अभियान चलाकर दवाओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए थे।

इसके बाद से नवम्बर तक लगातार हर महीने दो से चार सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ. अशोक राना का कहना है कि दवाओं की जांच की रिपोर्ट लखनऊ लैब से नहीं मिल पाई है, जिसके कारण जिन दवाओं के सैंपल भेजे गए थे, उनके खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जिन दवाओं की शिकायतें मिल रही हैं, उनमें शक्ति वर्धक, पेट, फेफड़े, लिवर, हड्डियां और दिल संबंधी दवाएं शामिल हैं। विभाग की ओर से बीते वर्ष में 30 से ज्यादा दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, लेकिन उनकी जांच रिपोर्ट विभाग को नहीं मिला है।

बता दें कि गाजियाबाद में बड़े स्तर पर आयुर्वेदिक दवाओं में नकली और मिलावट की शिकायत मिल रही हैं। एक अनुमान के अनुसार एक माह में एक से डेढ़ करोड़ रुपये की आयुर्वेद और यूनानी दवाओं का कारोबार गाजियाबाद जनपद में होता है। बड़े स्तर पर दवाइयां खरीदी और बेची जाती है। इसके बाद भी इन दवाइयों की गुणवत्ता की जांच समय से नहीं हो पा रही है। दवाइयों के सैंपल में देरी के कारण लोगों को नकली और असली दवाइयों में फर्क करना मुश्किल हो रहा है।

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