Ghaziabad News: आवास विकास की नाकामी का सबूत, लोग मकान बेचकर पलायन करने को मजबूर

Ghaziabad News: आवास विकास परिषद में सिद्धार्थ विहार में समिति को प्लॉट आवंटन किए थे जिसको लेकर उन लोगों ने आवास विकास में सारा पैसा जमा कर दिया था।

Report :  Neeraj Pal
Update:2024-01-28 14:17 IST

आवास विकास की नाकामी का सबूत (न्यूजट्रैक)

Ghaziabad News: आवास विकास परिषद में सिद्धार्थ विहार में समिति को प्लॉट आवंटन किए थे जिसको लेकर उन लोगों ने आवास विकास में सारा पैसा जमा कर दिया था। इसके बाद आवास विकास परिषद में उन सोसाइटी से कहा कि आप लोग यहां पर डेवलपमेंट चार्ज जमा कराया है अगर आपको प्लाटिंग करनी है तो उसका एक फीसदी और अगर ग्रुप हाउसिंग बनाना है। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग तो उसका 1.5 फीसदी आपको जमा करना होगा। जिसके बाद सभी सोसाइटीज ने वहां पर डेढ़ परसेंट के हिसाब से उनका डेवलपमेंट चार्ज जमा कर दिया अभी कुछ महीना पहले ही वहां पर उन समिति को नोटिस दिया गया है कि आप लोगों को का बकाया आवास विकास को जमा करना है।

जबकि अधिकांश समिति के प्लॉटों की रजिस्ट्री तक हो गई है लोगों ने बताया रजिस्ट्री इस समय पर की जाती है जबकि कोई भी नो ड्यूज उनके तरफ ना हो ड्यूज जमा करने के बाद ही रजिस्ट्री की जा शक्ति थी उसके बाद ही उन प्लेटो की रजिस्टर की गई रजिस्ट्री करने के बाद उन लोगों ने वहां पर फ्लैट बनाने शुरू कर दिए और अब उनके ऊपर करोड रुपए का बकाया निकल गया है लोगों ने साफ तौर पर कहा कि वहां पर 18 से ज्यादा सोसाइटी है जिन लोगों ने आवास विकास से वहां पर प्लाट लिए थे उनके बाद उन समिति ने वहां पर अपने मेंबर्स के लिए ग्रुप हाउसिंग बनाना शुरू कर दिया है और अब उन एक-एक समिति पर करोड रुपए का बकाया निकाला जा रहा है।

लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही इसका समाधान नहीं किया तो बड़े स्तर पर वह लोग आंदोलन करेंगे समिति के मेंबर्स ने बताया कि समिति के हिसाब से उन पर बकाया निकल गया है। उत्तर रेलवे सोसाइटी पर आवास विकास ने 40 करोड़ रुपए का बकाया निकला है जबकि वहां पर फ्लैट बनाकर तैयार हो गए हैं। ऐसे ही और भी समिति इस पर उन्होंने 10 से 30 करोड़ रुपए का बकाया निकला हुआ है सभी सोसाइटी के मेंबर ने आवास विकास को 1 फरवरी तक का समय दिया गया है कि उसको जल्द ही खत्म किया जाए अन्यथा वह लोग भूख हड़ताल पर बैठकर आंदोलन करेंगे क्योंकि किसी भी समिति के पास इतना पैसा नहीं है। कि वह इतना भारी रकम को आवास विकास में जमा कराएं।

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