बेहतर इम्यूनिटी वाले मुर्गे इन खतरनाक बीमारियों से लड़ेंगे, जानिए खासियत

मुर्गी-मुर्गे की इम्यूनिटी अच्छी रहेगी तभी बर्ड फ्लू और रानीखेत जैसी बीमारी से बचाव संभव है। इसके लिए बिटामिन, वैक्सीनेशन और बायो सिक्योरिटी का घेरा बहुत जरूरी है।

Update: 2021-03-04 15:02 GMT
बेहतर इम्यूनिटी वाले मुर्गे ही बर्ड फ्लू और रानीखेत से लड़ेंगे

गोरखपुर: मुर्गी-मुर्गे की इम्यूनिटी अच्छी रहेगी तभी बर्ड फ्लू और रानीखेत जैसी बीमारी से बचाव संभव है। इसके लिए बिटामिन, वैक्सीनेशन और बायो सिक्योरिटी का घेरा बहुत जरूरी है। ऐसा होगा तभी गोरखपुर-बस्ती मंडल में करीब 50 करोड़ का पोल्ट्री उद्योग बीमारी के खौफ से मुक्त रहेगा। ये बातें गोरखपुर में पोल्ट्री उद्योग से जुड़े फार्मरों और चिकित्सकों के दो दिवसीय कार्यक्रम के बाद सामने आई हैं।

सुरक्षा उपायों को लेकर चिंतित

बर्ड फ्लू के खौफ के खत्म होने के बाद पोल्ट्री उद्योग एक बार फिर खड़ा हो रहा है। आने वाले होली और वैवाहिक सीजन को देखते हुए पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोग सुरक्षा उपायों को लेकर चिंतित हैं। ऐसे में चिकित्सकों और पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोगों के बीच मोहद्दीपुर स्थित एक होटल में दो दिवसीय मंथन हुआ। पशु चिकित्सक डॉ.राकेश यादव का कहना है कि बर्ड फ्लू का खतरा पूर्वांचल में कभी नहीं था। अब तो बाहर से आने वाले पक्षी भी लौट गए हैं। अब कोरोना के चलते नुकसान में गए पोल्ट्री उद्योग को नये सिरे से खड़े करने की कोशिशें हो रही हैं। वेंकीज इंडिया के डीजीएम डॉ.विश्वास और डॉ.कपिल ने पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोगों को बचाव को लेकर जानकारी दी।

चिकित्सकों ने बताया कि मुर्गे की इम्यूनिटी और बायो सिक्योरिटी बेहतर होगी तो किसी प्रकार का रोग नहीं होगा। बर्ड फ्लू यहां नहीं रहा है। रानीखेत वायरस जनित रोग है। इसके बचाव के पर्याप्त उपाय हैं। डॉ.राकेश ने बताया कि मुर्गी पालन का प्रोटोकाल होता है। समय पर वैक्सीनेशन, स्प्रेइंग, बिटामिन आदि से मुर्गों को रोगों से बचाया जा सकता है। इसके साथ ही कोशिश होनी चाहिए कि पोल्ट्री फार्म आबादी से दूर रहे। पोल्ट्री फार्म के बाहरी हिस्से में भी छिड़काव करना जरूरी है।

40 से 50 करोड़ का है कारोबार

गोरखपुर-बस्ती मंडल में करीब 40 से 50 करोड़ महीने का कारोबार है। कारोबार से जुड़े लोगों का दावा है कि पूर्वांचल की करीब 25 फीसदी आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पोल्ट्री उद्योग से जुड़ी हुई है। गोरखपुर मंडल में ही 1500 से 2000 मुर्गी फार्म हैं। अकेले देवरिया जिले में 800 से अधिक पोल्ट्री फार्म हैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल की करीब एक करोड़ आबादी इस कारोबार से जुड़ी हुई है।

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दो दिन के कार्यक्रम में इनकी रही सहभागिता

गोरखपुर के एक होटल में पोल्ट्री उद्योग से जुड़े ब्रीडर फार्मरों के अलावा पशु चिकित्सकों ने अपने अनुभव को साझा किया। इस दौरान वेंकीस इंडिया लिमिटेड जोनल प्रबंधक सौरभ गुप्ता, आरएम वीरेंद्र मिश्र, अभिनव मिश्र ने अनुभव बताया। वहीं डॉ वीके भट्ट, डॉ राकेश तिवारी, डॉ. आलोक राय, डॉ. अतुल यादव, डॉ. अजय मिरकले, डॉ. आरके यादव, डॉ. प्रदीप केसरवानी, डॉ मार्तंड सिंह, डॉ. अनुज प्रताप सिंह, डॉ. सलमान, डॉ. जावेदकर, डॉ. पवन सिंह, डॉ. संजय रावत, डॉ. राकेश यादव आदि ने बचाव को लेकर पोल्ट्री फार्मरों को जागरूक किया।

रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव

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