Gorakhpur News: लखनऊ के बिल्डर के झांसे में फंसे लोगों की सीएम से गुहार, 'हम लोग गोरखपुर के हैं, न्याय दिलाएं'

Gorakhpur News: राजधानी लखनऊ में आशियाने का सपना लेकर बिल्डरों और डेवलपरों के झांसे में फंस रहे पूर्वांचल के सैकड़ों लोग अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार कर रहे हैं।

Written By :  Purnima Srivastava
Update: 2022-08-09 12:13 GMT

UP CM Yogi Adityanath (image social media)

Gorakhpur News : राजधानी लखनऊ में आशियाने का सपना लेकर बिल्डरों और डेवलपरों के झांसे में फंस रहे पूर्वांचल के सैकड़ों लोग अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से न्याय की गुहार कर रहे हैं। छह महीने में सड़क, बिजली और पानी के वादे के विपरीत पांच साल से अधिक का समय गुजरने के बाद भी डेवलपर सुविधाएं देने में आनाकानी कर रहे हैं। डेवलपर की अनदेखी से परेशान दर्जनों लोगों ने मुख्यमंत्री को मार्मिक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से गुहार की है कि मुख्यमंत्री जी, हम लोग गोरखपुर के हैं, न्याय दिलाएं।

गोरखपुर (Gorakhpur), बस्ती (Basti), देवरिया (Deoria) समेत पूर्वांचल के कई जिलों के लोगों ने लखनऊ के 'अनम लाइफ इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड' (Anam Life Infra Private Limited) से लखनऊ-अयोध्या मार्ग (Lucknow-Ayodhya Road) पर आनंदी वाटर पार्क के पास आवासीय प्लॉट खरीद था। पांच साल पहले लोगों ने जिंदगी भर की जमा पूंजी से इस उम्मीद में प्लाट खरीदा कि वे राजधानी लखनऊ में बच्चों को बेहतर शिक्षा दे सकेंगे। साथ ही, सेवानिवृति के बाद चैन की जिंदगी गुजार सकेंगे। लेकिन, वर्तमान में लोग ठगे हुआ महसूस कर रहे हैं।

प्लॉट खरीदने वाले ठगा महसूस कर रहे

पूर्वोत्तर रेलवे से सेवानिवृत सुशील श्रीवास्तव ने भी अनम लाइफ इन्फ्रा हाइट्स प्राइवेट लिमिटेड से आवासीय प्लॉट खरीदा था। वह बताते हैं कि 'डेवलपर ने हजरतगंज में कार्यालय खोल रखा है। उसने ब्रोशर पर छपवा रखा था कि रजिस्ट्री के छह महीने के भीतर ही सड़क, बिजली, पानी से लेकर स्ट्रीट लाइट की सुविधा दे दी जाएगी। लेकिन, 5 साल से अधिक का समय गुजरने के बाद भी सड़क, नाली, स्ट्रीट लाइट से लेकर मुख्य गेट तक नहीं बना है। योजना में प्लॉट खरीदने वाले 200 से अधिक लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।'


स्थानीय दलालों को शामिल कर खेल को दे रहे अंजाम

दरअसल, पूर्वांचल के लोग राजधानी में फ्लैट और प्लॉट के लिए लालायित रहते हैं। इसी को देखते हुए लखनऊ के डेवलपरों ने गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, मऊ, आजमगढ़ से लेकर महराजगंज में भी अपना कार्यालय खोल रखा है। कार्यालय में स्थानीय कुछ लोगों का दखल भी होता है। ताकि योजना को लेकर लोगों में विश्वास आ सके।

LDA से अनुमोदन की बात कह बेचा प्लॉट

योजना में प्लॉट लेने वाली सुमन पांडेय, संजय यादव, दिलीप कुमार, मालती आदि का कहना है कि प्लॉट बेचते समय कहा गया था कि योजना 'लखनऊ विकास प्राधिकरण' (Lucknow Development Authority) से अनुमोदित है। लेकिन, अब पता चल रहा है कि पूरे खेल में प्राधिकरण के जिम्मेदारों और डेवलपर ने आशियाने की उम्मीद करने वाले लोगों के सपनों से खेला है।


रेरा में शिकायत का भी असर नहीं

मुख्यमंत्री से लेकर रेरा में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। स्थानीय लोगों ने गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर (Gorakhnath Temple) स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय से भी संपर्क किया। कार्यालय में तैनात OSD ने बिल्डर को फोन भी किया। लेकिन, झूठा आश्वासन पूरा नहीं हो रहा है। अनम एनक्लेव सोसायटी की विवरणिका में जो अंकित है, उसका 50 फीसदी भी काम हो तो बड़ी राहत मिलेगी। 

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