UP News: प्रदेश के सभी 15 नगर निगमों में अब सड़क और नाली का भी यूनिक नंबर, गोरखपुर में सर्वे शुरू
UP News: परियोजना वैज्ञानिक अतुल वर्मा, सुशांत कुमार, सुगम कुमार यादव और अवधेश कुमार सेटेलाइट डाटा के सत्यापन के साथ नए डाटा की फीडिंग के कार्य में जुटे हुए हैं। शनिवार को उन्होंने महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में जरूरी आंकड़े जुटाए।
UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला होने के चलते गोरखपुर में पिछले सात सालों से विकास के कई कार्य हो रहे हैं। लेकिन, विभागों के बीच तालमेल नहीं होने से सड़कें बिना अनुमति के खुद रही हैं। एक ही सड़क का दो बार निर्माण हो जा रहा है। लेकिन सड़क और नाली की कुंडली बस एक क्लिक में सामने होगी। हालांकि शासन ने प्रदेश के सभी 15 नगर निगमों में सड़क, नाली आदि के यूनिक नंबर को लेकर सर्वे शुरू करा दिया है।
नगर निगम क्षेत्र के सभी मकानों की तरह सभी सड़कों और बड़े, छोटे व मझोले नाला-नालियों को यूनिक पहचान को लेकर टीम ने सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे पूरा होने के बाद विभाग सेलेकर नागरिक तक, पोर्टल पर सर्च कर सड़कों एवं नालियों के बारे में सभी जरूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे। मसलन सड़क का मालिकाना हक किस विभाग का है? सड़क कब बनी थी? कब उसे पुन: बनाया जाना है? आदि। एक दीवार से दूसरे दीवार के बीच सड़क, नाली, ग्रीन बेल्ट, फुटपाथ समेत सब कुछ का डाटा बेस रिकार्ड होगा। अधिकारियों का दावा है कि एक साल में सभी 15 नगर निगमों में मैपिंग कर सड़क एवं नालियों को यूनिक आईडी नम्बर देने का काम पूरा हो जाएगा।
फिलहाल परियोजना वैज्ञानिक अतुल वर्मा, सुशांत कुमार, सुगम कुमार यादव और अवधेश कुमार सेटेलाइट डाटा के सत्यापन के साथ नए डाटा की फीडिंग के कार्य में जुटे हुए हैं। शनिवार को उन्होंने महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में जरूरी आंकड़े जुटाए। बताया कि दो महीने में नम्बर कोडिंग और डाटा कलेक्शन का काम पूरा कर लेंगे। इसी तरह स्ट्राम ड्रेन में, मेन ड्रेन, प्राइमरी ड्रेन, सेकेंडरी ड्रेन और टर्सियरी ड्रेन मिलती है। इनकी यूनिक आईडी के साथ सभी डाटा आने से भविष्य में इंजीनियरिंग संबंधी कार्यों और डीपीआर बनाने में सुविधा होगी। यह तय करना भी आसान होगा कि पहले किस सड़क और नाला निर्माण को प्राथमिकता में लिया जाए। काम में काफी सहूलियत होगी।
प्रदेश के सभी 15 नगर निगमों में हो रहा सर्वे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार गोरखपुर नगर निगम समेत सूबे के सभी 15 नगर निगम में, ‘रिमोट सेंसिंग एवं एप्लीकेशन सेंटर (आरएसएसी) लखनऊ उत्तर प्रदेश’ हाई रिज्युलेशन सेटेलाइट के जरिए मैपिंग कर रहा है। आरएसएसी के सीनियर साइंटिस्ट आलोक सैनी बताते हैं कि गोरखपुर समेत 06 नगर निगमों के सभी सड़कों, नाला एवं नालियों का सेटेलाइट से मैपिंग किया जा चुका है। वर्तमान में गोरखपुर में मैपिंग के डाटा का सत्यापन और छूटे हुए डाटा का कलेक्शन जारी है। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल का कहना है कि गोरखपुर समेत प्रदेश के सभी नगर निगमों में सड़कों और नालियों की सेटेलाइट मैपिंग एवं यूनिक पहचान दी जाएगी। गोरखपुर से शुरूआत हो गई है। इससे भविष्य में कार्य योजना बनाने में जहां मदद मिलेगी, वहीं एक क्लिक में सड़कों और नालियों से संबंधित सभी डेटा सामने आ जाएगा।