Gorakhpur News: टीबी अस्पताल में बायोमेट्रिक हाजिरी में खेल, मानदेय मांगा तो 45 कर्मचारियों को कर दिया बर्खास्त

Gorakhpur News: बताया जा रहा है कि फर्म ने छह महीने पहले से बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू कर दी। जब से बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू हुई, कर्मचारियों का मानदेय नहीं मिला था। बीती आठ फरवरी को खाते में चार महीने का मानदेय आया।

Update: 2024-02-12 01:54 GMT

गोरखपुर का टीबी अस्पताल (Newstrack)

Gorakhpur News: भोजपुरी में एक कहावत है, जबरा मारे रोवे न दे। यानी बलवान व्यक्ति बेवजह मारे भी और रोने भी न दे। यही हाल गोरखपुर के टीबी अस्पताल में काम करने वाले आउटसोर्सिंग नर्स और वार्ड ब्यॉय का है। पहले तो सेवा प्रदाता कंपनी ने बायोमेट्रिक हाजिरी को आनिवार्य किया। इसके बाद अनाप शनाप वेतन कटौती होने लगी। कर्मचारियों ने वेतन कटौती को लेकर सवाल किया तो ई-मेल के जरिये 45 नर्स और वार्ड ब्वॉय को बर्खास्तगी का लेटर भेज दिया गया।

एयरपोर्ट स्थित 100 बेड टीबी अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बायोमेट्रिक हाजिरी के नाम पर अनाप-शनाप वेतन कटौती हो रही थी। इन्हें समय से मानदेय भी नहीं मिल रहा था। बीते आठ फरवरी को कटौती कर चार माह का मानदेय दिया गया था। बायोमेट्रिक हाजिरी में मनमानी को लेकर कर्मचारी उबल रहे थे। इसी बीच सेवा प्रदाता कंपनी चींटी इंटरप्राइजेज के अधिकारियों ने शनिवार की रात कर्मचारियों को ईमेल किया। इसमें उन्हें अनुशासनहीन बताते हुए बर्खास्त कर दिया गया। इसके बाद कर्मचारी फर्म के अधिकारियों को कॉल करने लगे लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। बाद में स्विच ऑफ कर दिया। बता दें 100 बेड टीबी सह सामान्य अस्पताल में आउटसोर्सिंग पर 45 कर्मचारी तैनात हैं। इनमें से ज्यादातर नर्स व वार्ड ब्वॉय हैं। ये कर्मचारी फरवरी 2016 से आउटसोर्सिंग पर तैनात हैं। पहले इनकी तैनाती अवनी-परिधि के जरिए हुई थी। जुलाई 2021 से उनकी सेवा प्रदाता फर्म दिल्ली की चींटी इंटरप्राइजेज कर दी गई। टीबी अस्पताल के सीएमस डॉ.एके वर्मा का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। फर्म से बात की जा रही है। किसी कर्मचारी के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।

बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू के बाद बढ़ा विवाद

बताया जा रहा है कि फर्म ने छह महीने पहले से बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू कर दी। जब से बायोमेट्रिक हाजिरी शुरू हुई, कर्मचारियों का मानदेय नहीं मिला था। बीती आठ फरवरी को खाते में चार महीने का मानदेय आया। उसमें भी चार हजार से लेकर 23 हजार रुपये तक कम मानदेय मिला है। फर्म ने कटौती की वजह बायोमेट्रिक हाजिरी का रिकॉर्ड माना है। इसी का कर्मचारी विरोध कर रहे थे। उन्होंने कटौती की तस्दीक कराने की मांग की। यही विवाद की जड़ है। कर्मचारियों का आरोप है कि बिजली गुल होने, इंटरनेट खराब होने से बायोमेट्रिक मशीन नहीं चलती थी। इस बीच किसी अराजक तत्व ने मशीन तोड़ दी। इसका भी ठीकरा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के सिर फोड़ा गया है।

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