Gorakhpur News: गोरखपुर में भारी बारिश से एलर्ट आठवीं तक के स्कूल बंद बंधों पर निगरानी बढ़ी

Gorakhpur News: राप्ती, रोहिन आदि नदियों के बढ़ रहे जलस्तर के साथ ही पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने जिले भर के आठवीं तक के स्कूलों को 6 जुलाई तक के लिए बंद कर दिया है।

Update: 2024-07-03 14:18 GMT

जलभराव वाले इलाकों का निरीक्षण करते नगर आयुक्त: Photo- Newstrack

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Gorakhpur News: नेपाल की पहाड़ी नदियों ने राप्ती, रोहिन आदि नदियों के बढ़ रहे जलस्तर के साथ ही पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश को देखते हुए प्रशासन ने जिले भर के आठवीं तक के स्कूलों को 6 जुलाई तक के लिए बंद कर दिया है। अब स्कूल आठ जुलाई को खुलेंगे। वहीं गोरखपुर में तेज बारिश से शहर के कई मोहल्लों में घुटनों तक पानी लग गया है। कई स्कूलों में छुट्टियां हो गई हैं।

प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि 6 जुलाई तक मौसम विभाग की तरफ से भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। विभाग ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में गर्जन के साथ वज्रपात तथा किन्हीं स्थलों पर भारी से बहुत भारी वर्षा की प्रबल संभावना व्यक्त की है। भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी किये जा रहे बुलेटिन एवं एडवाइजरी के आधार पर जिले में पिछले दो दिनों में 54 मिमी. तथा 74 मिमी. बारिश हुई है। यानी दो दिनों में कुल 128 मिमी. वर्षा दर्ज की गयी है। उधर, भारी बारिश से कई मोहल्लों में पानी भर गया है। धर्मशाला बाजार, तिवारीपुर, बशारतपुर, आजाद चौक में शिवपुरी कालोनी में घरों में पानी घुस गया है।

नेपाल में बारिश से बढ़ीं नादियां

नेपाल में हो रही बारिश के पानी से राप्ती, रोहिन, सरयू और गोर्रा नदी में पानी बढ़ने लगा है। इसे लेकर अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड, बाढ़ खंड दो और ड्रेनेज खंड ने प्रशासन को 28 संवेदनशील तटबंधों की सूची सौंपी है। इस पर प्रशासन ने इन तटबंधों के रख-रखाव और तटवर्ती गांवों को अलर्ट रहने को कहा है। वहीं, दूसरी तरफ सिंचाई विभाग ने भी बाढ़ नियंत्रण कक्ष तैयार करते हुए अवर अभियंताओं की ड्यूटी लगा दी है।

बस स्टेशन पर लगा पानी

गोरखपुर में कुल 65 तटबंध हैं। इन तटबंधों की लंबाई 456 किलोमीटर है। इन तटबंधों पर जब बारिश का उच्चतम जलस्तर रहता है तो इससे सटे 633 गांव बाढ़ में ड़ूब जाते हैं। इनमें 28 तटबंध संवेदनशील है। इन तटबंधों पर निगरानी के लिए सिंचाई विभाग ने प्रशासन को सूची सौंपी है। इन तटबंधों का प्रशासन स्तर से निरीक्षण हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी इन पर नजर रखने के लिए सभी टीमें सक्रिय कर दी गई है। सिंचाई विभाग के कई प्रोजेक्ट अधूरे जिले में बहने वाली नदियों पर बने कटान निरोधक उपाय करने के लिए बाढ़ खंड की तरफ से प्रमुख स्थानों को चिह्नित करते हुए बाढ़ खंड की तरफ से टेंडर किया गया था। इसके लिए 26 स्थनों को चिह्नित किया गया था। इन सभी कामों को 15 जून तक पूरा करा लेना था। लेकिन अभी भी कई स्थानों पर काम पूरे नहीं हो सके हैं।

संवेदनशील गांवों विशेष सर्तकता

संवेदनशील, अतिसंवेदनशील गांव बाढ़ में सबसे अधिक प्रभावित गांव खजनी तहसील में है। यहां पर 233 गांव प्रभावित रहते हैं। इसके अलावा गोला में 127, चौरी-चौरा में 69, सदर में 67, बांसगांव में 38, सहजनवा में 32 कैंपियरगंज में 31 गांव संवेदनशील और अतिसंवेदनशील की श्रेणी में हैं। सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता विपिन विहारी का कहना है कि सिंचाई विभाग लगातार नदियों की मॉनिटरिंग कर रहा है। नेपाल में हुई बारिश के कारण राप्ती, रोहिन और गोर्रा नदी में कुछ पानी बढ़ा है। लेकिन, अभी ये नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे हैं।

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