Gorakhpur News: ‘मेरे नेता मेरा अभिमान’ लिखे होर्डिंग से आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं बीजेपी विधायक फतेह बहादुर?

Gorakhpur News: भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह द्वारा विरोधियों के द्वारा पांच करोड़ की सुपारी देकर हत्या का आरोप लगाने की चर्चाओं के बीच मंगलवार को शहर के प्रमुख बाजार गोलघर में ‘मेरा नेता मेरा अभिमान’ लिखी होर्डिंग नजर आई

Update: 2024-07-23 04:13 GMT

गोरखपुर के गोलघर में बीजेपी विधायक के समर्थन में लगा होर्डिंग (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश में विधायकों के विरोधी सुरों के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 या 28 जुलाई को पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं। इस बहुप्रतिक्षित मुलाकात से पहले विरोधियों ने भी लामबंदी शुरू कर दी है। गोरखपुर के दो भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह और सरवन निषाद द्वारा हत्या की साजिश के साथ ही सुरक्षा को लेकर उठाए गए सवालों के बीच गोरखपुर की सड़कों पर फतेह बहादुर सिंह के पक्ष में लगे होर्डिंग से सियासी माहौल गर्म हो गया है। जो भी इस होर्डिंग पर लिखे शब्द ‘मेरे नेता मेरा अभिमान’ को पढ़ रहा है तो उसके मन में सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर इससे बीजेपी विधायक फतेह बहादुर सिंह क्या संदेश देना चाहते हैं?

गोरखपुर के कैम्यिरगंज विधानसभा सीट से भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह द्वारा विरोधियों के द्वारा पांच करोड़ की सुपारी देकर हत्या का आरोप लगाने की चर्चाओं के बीच मंगलवार को शहर के प्रमुख बाजार गोलघर में ‘मेरा नेता मेरा अभिमान’ लिखी होर्डिंग नजर आई। पार्क रोड पर विधायक के आवास के सामने वाली मुख्य सड़क पर फतेह बहादुर सिंह के साथ उनकी पत्नी और जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह की फोटो भी लगी है। पोस्टर पर विधायक के प्रतिनिधि रंजीत सिंह पिंटू, सोनू सिंह, अभिषेक सिंह एडवोकेट, दुर्गेश पाल की भी फोटो है। होर्डिंग के ऊपर की तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी तस्वीर है। इसके साथ ही विधायक के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह की भी फोटो होर्डिंग पर है। पोस्टर को लेकर लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं।


पेशबंदी को लेकर फंसे हुए हैं फतेह बहादुर

कैम्पियरगंज विधानसभा से भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह और चौरीचौरा से भाजपा विधायक सरवन निषाद ने प्रशासन से लेकर विरोधियों पर हत्या की साजिश की बात कहते हुए सियासी भूचाल ला दिया है। इस बीच फतेह बहादुर सिंह खुद के बयानों से ही फंसे हुए है। फतेह बहादुर सिंह ने जिस भाजपा नेता राजीव रंजन चौधरी पर हत्या की साजिश का आरोप लगाया है, उसने मीडिया में बयान दिया है कि उन्हें बीजेपी विधायक लोकसभा चुनाव में सपा की काजल निषाद के पक्ष में प्रचार करने का दबाव बनाया जा रहा था। वैसे, चुनाव में रवि किशन के प्रचार में विधायक की सक्रियता को लेकर सवाल उठे थे। मतदान के चंद दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कैम्पियरगंज विधानसभा में एक जनसभा को संबोधित करना पड़ा था। इसके बाद भाजपा कैम्पियरगंज विधानसभा में काफी कम वोटों के अंतर से जीतने में सफल हुई थी।

फतेह बहादुर में मंत्री नहीं बनने की टीस

जानकार बताते हैं कि सात बार के विधायक फतेह बहादुर सिंह मायावती सरकार में वन मंत्री रह चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के बेटे फतेह बहादुर सभी दलों में दांव आजमा चुके हैं। 2017 में फतेह बहादुर भाजपा के टिकट पर छठवीं बार जीते तो उन्हें मंत्री बनने की उम्मीदें थीं। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं मिली। उनका मंत्री नहीं बनने का दर्द कई कार्यक्रमों में झलक चुका है। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद एक खेमा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ लामबंद हुआ है, तक बीजेपी विधायक का हत्या की सुपारी का आरोप टाइमिंग को लेकर गहरे सवाल खड़ा कर रहा है।


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